CAA Notification: देश में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) के लागू होने से दिल्ली में रह रहे पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों में ना केवल नई उम्मीद जगी है बल्कि उन्होंने राहत की भी सांस ली है. उन्होंने कहा कि वे बहुत खुश हैं कि उन्हें ‘अंततः भारतीय नागरिक’ कहा जाएगा. लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र ने 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देने के लिए सीएए-2019 को लागू करने का ऐलान कर दिया है.
दिल्ली में पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी परिवारों के मुखिया माने जाने वाले धर्मवीर सोलंकी ने बताया कि समुदाय के लगभग 500 लोगों को अब नागरिकता मिलेगी. सोलंकी ने कहा, ‘‘मैं और मेरा परिवार एक दशक से अधिक समय से इसका इंतजार कर रहे हैं. हम बेहद खुश हैं कि आखिरकार हमें भारतीय नागरिक कहा जाएगा. मुझे खुशी है कि मैंने 2013 में अपने वतन लौटने का फैसला किया.’’
'हमारे कंधों से बहुत बड़ा बोझ उतर गया'
धर्मवीर सोलंकी ने कहा, ‘‘ऐसा लगता है जैसे हमारे कंधों से बहुत बड़ा बोझ उतर गया है. इस अधिनियम के लागू होने से यहां रहने वाले लगभग 500 पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी परिवारों को नागरिकता मिल जाएगी.’’ सीएए नियमों के अधिसूचित होने के साथ, मोदी सरकार अब उक्त देशों से प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय राष्ट्रीयता प्रदान करना शुरू कर देगी. इनमें हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई शामिल हैं. एक अन्य पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी सोना दास ने कहा कि वह 2011 से भारतीय नागरिकता पाने का इंतजार कर रहे हैं और सीएए के लागू होने से उन्हें भारत में ‘नया जीवन’ मिलेगा.
सोना दास ने कहा, ‘‘इस खबर से ऐसा लगता है जैसे हमें भारत में एक नया जीवन मिल रहा है. मैं 2011 में पाकिस्तान से यहां आया था और तब से नागरिकता का इंतजार कर रहा हूं. बेहद खुश हूं कि आखिरकार अब मुझे भारतीय नागरिक कहा जाएगा.’’ सीएए दिसंबर 2019 में पारित हुआ था और बाद में इसे राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई थी, लेकिन इसके खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए थे. वर्ष 2012 में पाकिस्तान से भारत आए कन्हैया ने केंद्र के प्रति आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा, ‘‘नागरिकता प्राप्त करना एक सपने के सच होने जैसा है.’’
'यह एक सपने के सच होने जैसा'
कन्हैया ने कहा, ‘‘हमें फिर से नागरिकता प्राप्त करने की अनुमति देने के लिए मैं केंद्र के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करना चाहता हूं. मैं 2012 में अपने परिवार के साथ भारत आया था और तब से कागजात का इंतजार कर रहा हूं. यह एक सपने के सच होने जैसा है.’’ एक पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी कृष्ण मल 14 साल से भारतीय नागरिकता पाने का इंतजार कर रहे हैं. कृष्णमल ने कहा, ‘‘हम 14 साल से इस दिन के लिए तरस रहे थे. यह तथ्य कि हम भारतीय नागरिक कहलाएंगे, एक सपने के सच होने जैसा है. मैं भारत सरकार का आभारी हूं कि उसने हमारी पीड़ा और परेशानी को समझा.’’
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