CAG Report: कैग रिपोर्ट ने खोली मोहल्ला क्लीनिक्स की सच्चाई, जानें- किन-किन खामियों पर उठे सवाल?
CAG Report Delhi: दिल्ली की मोहल्ला क्लीनिकों में जारी स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को लेकर कैग की दूसरी रिपोर्ट में कई सवाल उठाए गए हैं. अब पीएसी इसकी जांच कर 3 महीने में रिपोर्ट सौंपेगी.

CAG Report On Mohalla Clinics: दिल्ली विधानसभा में हाल ही में सीएम रेखा गुप्ता की सरकार ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट पेश की थी. इस रिपोर्ट में मोहल्ला क्लीनिक्स में व्याप्त गंभीर अनियमितताओं को लेकर कई सवाल उठाए गए हैं. कैग की यह रिपोर्ट साल 2016-17 से 2021-22 की अवधि के दौरान दिल्ली की सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की समीक्षा पर आधारित है.
दिल्ली विधानसभा के स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने मोहल्ला क्लीनिकों की इन गंभीर अनियमितताओं की जांच की जिम्मेदारी लोक लेखा समिति (पीएसी) को सौंपी है. स्पीकर ने सीएजी रिपोर्ट की प्राथमिकता के आधार पर जांच के निर्देश दिए हैं. समिति को तीन माह के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी. इसके अलावा, स्वास्थ्य विभाग को एक माह के भीतर अनुपालना कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है.
कैग रिपोर्ट ने दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठाए हैं. रिपोर्ट जिन बिंदुओं पर सरकार द्वारा गौर फरमाने की जरूरत है, उसे प्रमुखता से उठाया गया है.
स्वास्थ्य कर्मियों की कमी
सीएजी रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों, मेडिकल अधिकारियों, नर्सों, पैरामेडिकल स्टाफ और फार्मासिस्टों की भारी कमी है. इससे मरीजों को समय पर और उचित चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने में बाधा उत्पन्न हुई है.
जरूरी दवाओं और उपकरणों का अभाव
कैग रिपोर्ट में बताया गया है कि कई सरकारी अस्पतालों में आवश्यक दवाएं और चिकित्सा उपकरण उपलब्ध नहीं थे, जिससे मरीजों के उपचार में कठिनाइयां आईं. इसके अलावा 14 अस्पतालों में आईसीयू सुविधाएं नहीं हैं. 12 अस्पतालों में एंबुलेंस की सेवाएं तक उपलब्ध नहीं हैं.
मोहल्ला क्लीनिकों का हाल बेहाल
दिल्ली सरकार द्वारा मोहल्ला क्लीनिक को लेकर कैग रिपोर्ट में बताया गया है कि मौजूदा 21 क्लीनिकों में शौचालय नहीं हैं. 15 में बिजली कनेक्शन नहीं है. 6 में जांच के लिए टेबल तक की सुविधाएं नहीं हैं. इसके अलावा 12 क्लीनिकों में विकलांग व्यक्तियों के लिए जरूरी रैंप व अन्य सुविधाएं नहीं हैं.
वित्तीय लापरवाही भी कम नहीं
सीएजी रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार द्वारा जारी कोविड-19 फंड का पूर्ण उपयोग नहीं किया. कुल 787.91 करोड़ रुपये में से केवल 582.84 करोड़ रुपये का ही उपयोग किया गया, जिससे महामारी के दौरान आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं में कमी आई.
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