Lok Sabha Elections: AAP के साथ अलायंस के बाद उम्मीदवारों का चयन बड़ी चुनौती, इन चेहरों पर दांव लगा सकती है कांग्रेस
Lok Sabha Elections 2024: कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेता भले ही बीजेपी को पटखनी देने के लिए साथ आ गए हैं, लेकिन इसे लोकसभा चुनाव परिणाम में तब्दील कर पाना आसान नहीं होगा.
Delhi News: आगामी लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस इंडी गठबंधन के तहत साथ मिल कर चुनाव लड़ेगी. लंबी चली खींचतान के बाद आम आदमी पार्टी दिल्ली की सात लोकसभा सीटों में से चार और कांग्रेस तीन पर चुनाव लड़ेगी. कांग्रेस के हिस्से में चांदनी चौक, उत्तर-पूर्वी और उत्तर पश्चिमी दिल्ली की लोकसभा सीट आई है. जबकि पश्चिमी दिल्ली, पूर्वी दिल्ली, नई दिल्ली और दक्षिणी दिल्ली लोकसभा सीट आम आदमी पार्टी ने अपने पास रखा है.
भले ही दोनों दल भारतीय जनता पार्टी को पटखनी देने के लिए साथ आ गए हैं, लेकिन इसे लोकसभा चुनाव परिणाम में तब्दील कर पाना आसान नहीं होगा. पिछले दोनों ही चुनावों में बीजेपी ने दिल्ली की सभी सीटों पर क्लीन स्वीप किया था और इस बार भी बीजेपी दिल्ली में आप और कांग्रेस की तुलना में ज्यादा मजबूत नजर आ रही है. हालांकि, दोनों के साथ आने से बीजेपी के वोट शेयर पर खासा असर पड़ेगा और उनके लिए भी यह चुनाव कठिन होने वाला है. सबसे ज्यादा दिक्कत यहां कांग्रेस के सामने है. उसे गठबंधन का धर्म निभाते हुए समर्पित भाव से आप प्रत्याशियों को जिताने की जिम्मेदारी भी उसकी है.
प्रत्याशियों का चयन आसान नहीं
बात करें, कांग्रेस के हिस्से में आई सीटों की तो उन्हें चांदनी चौक, उत्तर-पूर्वी और उत्तर पश्चिमी दिल्ली की लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना है. जिनके लिए कई संभावित प्रत्याशी हैं, जो पूर्व में भी संसद रह चुके हैं. ऐसे में किसे, किस लोकसभा सीट से लड़ाना है, इसके लिए भी कांग्रेस को काफी माथापच्ची करनी होगी.
चांदनी चौक
मुस्लिम और बनिया बहुल मानी जाने वाली सीट पर 2014 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस 17.95 प्रतिशत वोट शेयर के साथ तीसरे स्थान पर रही थी. जबकि 2019 में कांग्रेस ने यहां 29.66 प्रतिशत वोट हांसिल कर दूसरा स्थान प्राप्त किया था. बात करें दावेदारों की तो कांग्रेस की ओर से इस सीट पर पूर्व सांसद और दिग्गज नेता जयप्रकाश अग्रवाल सबसे बड़े दावेदार माने जा रहे हैं. उनके अलावा, अलका लांबा और हारून यूसुफ भी संभावित उम्मीदवारों की लिस्ट में शामिल हैं. अब देखना यह होगा कि अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए कांग्रेस इन दावेदारों में से किस पर दांव लगाती है.
उत्तर-पूर्वी दिल्ली
साल 2014 लोकसभा चुनाव में 16.05 प्रतिशत वोट शेयर के साथ तीसरे स्थान पर रहने वाली कांग्रेस 2019 के लोकसभा चुनाव में 28.83 प्रतिशत वोट के साथ दूसरे स्थान पर रही थी. इस सीट पर भी उम्मीदवार के नाम के चयन के लिए कांग्रेस को काफी माथा पच्ची करनी पड़ सकती है. पार्टी सूत्रों का कहना है कि उत्तर-पूर्वी लोकसभा सीट पर कांग्रेस की ओर से संभावित उम्मीदवारों में खुद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली और पूर्व सांसद संदीप दीक्षित का नाम शामिल है. इससे पहले लवली गांधी नगर विधानसभा सीट से जीतते रहे हैं, जो पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है. संदीप दीक्षित पहले पूर्वी दिल्ली से लड़ते रहे हैं, लेकिन उत्तर-पूर्वी सीट पर उनकी मां और पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित भी एक बार लड़ चुकी हैं. इन दोनों के अलावा, इस सीट पर चौधरी मतीन और भीष्म शर्मा का भी नाम भी रेस में है.
उत्तर-पश्चिमी दिल्ली
पिछले दोनों ही लोकसभा चुनावों में कांग्रेस यहां पर तीसरे स्थान पर रही. हालांकि 2014 में 11.61 प्रतिशत की तुलना में 2019 में कांग्रेस ने यहां से 16.88 प्रतिशत वोट हांसिल किया था, लेकिन उसके स्थान में कोई बदलाव नहीं हुआ. इस सीट के लिए कांग्रेस की ओर से पूर्व लोकनिर्माण विभाग मंत्री राजकुमार चौहान और पूर्व सांसद डॉ. उदित राज के अलावा कृष्णा तीरथ और पूर्व विधायक सुरेन्द्र कुमार का भी नाम चर्चा में है.
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