Delhi: ऐसा केस जो अब भी है अनसुलझा, इतने साल बाद हुआ था पोस्टमॉर्टम और अंतिम संस्कार
Delhi News: दिल्ली के खजूरी खास इलाके में 27 फरवरी 2020 को हुए दंगों के दौरान एक 45 वर्षीय शख्स अचेत अवस्था में पड़ा मिला था. मौत के बाद उसकी अगले दो साल तक पहचान नहीं हो सकी थी.
जब किसी की संदेहास्पद स्थित में मौत हो जाती है तो उसका पोस्टमॉर्टम (Post Mortem) करा कर जल्दी ही उसका अंतिम ससंस्कार (Last Rites) कर दिया जाता है लेकिन क्या आप सोच सकते हैं कि किसी की मौत के सालों बाद बॉडी का पोस्टमॉर्टम हुआ हो और फिर अंतिम संस्कार हुआ हो? यदि नहीं तो आज हम आपको ऐसी ही एक घटना के बारे में बताने जा रहे हैं. ऐसी एक घटना राजधानी दिल्ली (Delhi) में हुई थी.
दरअसल, दिल्ली के खजूरी खास इलाके (Khajuri Khas Area) में 27 फरवरी 2020 को हुए दंगों के दौरान एक 45 वर्षीय शख्स अचेत अवस्था में पड़ा मिला था. पुलिस जब उसे लेकर हॉस्पिटल पहुंची तो डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया लेकिन उस शख्स के किसी भी परिचित या परिजन ने उसकी पहचान के लिए पुलिस से संपर्क नहीं किया जिसके बाद पुलिस ने अपने स्तर से उसकी पहचान की कोशिश की लेकिन कमायाब नहीं हो पाई.
2 साल बाद पोस्टमॉर्टम और फिर हुई पहचान
दंगे की घटना को दो साल निकल गए जिसके बाद 11 मार्च 2022 को मेडिकल बोर्ड के जरिये उसका पोस्टमॉर्टम कराया गया. अच्छी बात यह रही कि पुलिस को उसकी कोशिशों का परिणाम मिला और अब जाकर मृतक की पहचान नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के चांद बाग के रहने वाले सिकंदर के रूप में हुई जिसके बाद पुलिस ने उसके परिजनों का पता लगा उसके शव को उसके परिजनों के हवाले कर दिया और तब जाकर उसका अंतिम संस्कार हुआ.
कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने दर्ज किया मामला
मृतक के शरीर पर चोट के कोई भी निशान नहीं पाए गए थे, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी सांसे रुकने की वजह से उसकी मौत होने का पता चला था, ऐसे में पुलिस उसकी मौत को लेकर कोई केस दर्ज नहीं कर रही थी, लेकिन मृतक के परिजनों ने इंसाफ की गुहार लगाते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और सभी तथ्यों को कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया, जिस पर कोर्ट ने पुलिस को मामला दर्ज करने का आदेश दिया और तब जाकर 19 अक्टूबर 2022 को खजूरी खास थाने की पुलिस ने आईपीसी की धारा 304 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की.
3 साल बाद भी केस अनसुलझा
पुलिस की जांच में उस शख्स की मौत का दंगों से कोई भी संबंध नहीं पाया गया लेकिन अब तक इस केस की जांच पर पुलिस की रिपोर्ट नहीं आयी है. यह एक ऐसा अनूठा केस है जिसमें 2 साल के बाद मृतक का पोस्टमॉर्टम और अंतिम संस्कार किया गया और आज तीन साल के बाद भी यह केस अब तक अनसुलझा है.
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