Delhi Liquor Policy Case: दिल्ली आबकारी नीति मामले में सीबीआई ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को न्यायिक हिरासत में भेजने की मांग की है. सीबीआई ने कहा है कि ना तो आरोपी और ना ही कोर्ट जांच अधिकारी से केस डायरी मांग सकता है. कोर्ट सिर्फ केस डायरी देख सकता है. ये कई पुराने फैसलों में कहा जा चुका है. वहीं, सीएम केजरीवाल के वकील ने कहा कि हम ज्यूडिशियल कस्टडी की मांग के खिलाफ भी अर्जी दाखिल करना चाहते है. हमे थोड़ा वक़्त दे दीजिए.


जज ने सीएम केजरीवाल के वकील से पूछा कि आप इस अर्जी को क्यों दाखिल करना चाहते है. अगर जमानत अर्जी दाखिल करनी है तो संबंधित अदालत में जमानत अर्जी दाखिल करें. जज ने केजरीवाल के वकील को अर्जी दाखिल करने की इजाजत दी.


केजरीवाल के वकील ने क्या कहा?


मुख्यमंत्री केजरीवाल के वकील ने कहा कि सीबीआई की दलील है कि अप्रैल में उन्हें कुछ अनुमति मिली थी और जनवरी में उन्हें मेरे खिलाफ सबूत मिले. CBI ने यह भी कहा कि उन्होंने मुझे गिरफ्तार नहीं किया क्योंकि वे सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही को आगे नहीं बढ़ाना चाहते थे. जज ने कहा कि पुलिस हिरासत खत्म होने के बाद कोर्ट के पास सीआरपीसी के अनुसार आरोपी को न्यायिक हिरासत के पास भेजने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता है.


जज ने क्या कहा?


जज ने कहा कि यह देखना अदालत का दायित्व है कि मामले की जांच के दौरान जांच अधिकारी ने क्या कदम उठाए हैं लेकिन यह अदालत और जांच अधिकारी के बीच का मामला है. सीएम केजरीवाल के वकील ने मांग की कि कोर्ट को केस डायरी देखनी चाहिए. जज ने कहा -कोर्ट की ये जिम्मेदारी बनती है कि वो देखे कि जांच कैसे चल रही है लेकिन जांच के दौरान क्या सबूत मिले है, इन सबकी जानकारी आरोपी को देना ज़रूरी नहीं है. एजेंसी को सिर्फ कोर्ट को रिमांड के लिए संतुष्ट करना काफी है. सीएम अरविंद केजरीवाल को आज उनकी तीन दिन की सीबीआई रिमांड खत्म होने पर राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया.


ये भी पढ़ें:


अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ AAP का हल्ला बोल, गोपाल राय ने BJP पर लगाए ये आरोप