केंद्र ने दिल्ली हाई कोर्ट से कहा है कि पाकिस्तान से पलायन करके आए हिंदुओं के 200 परिवार उत्तर दिल्ली में सेना की एक जमीन पर ‘अवैध’ शिविरों में रह रहे हैं और उनके लिए बिजली कनेक्शन की याचिका को गलत समझकर खारिज कर देना चाहिए. केंद्र ने कहा कि अगस्त 2018 में उसने कथित भूमि को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) को हस्तांतरित करने के लिए मंजूरी दी थी और वहां अनधिकृत अतिक्रमण हटाने के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में रहा है.


आदर्श नगर क्षेत्र में दिल्ली जल बोर्ड मैदान में रह रहे हैं 200 परिवार


रक्षा मंत्रालय मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल की अध्यक्षता वाली पीठ द्वारा केंद्र, दिल्ली सरकार और अन्य को एक याचिका पर सितंबर में जारी नोटिस पर जवाब दे रहा था. याचिका पाकिस्तान से आये हिंदू प्रवासियों के 200 परिवारों से जुड़ी थी जो उत्तर दिल्ली के आदर्श नगर क्षेत्र में दिल्ली जल बोर्ड मैदान में रह रहे हैं. 


‘अल्पसंख्यक प्रवासियों’ के कल्याण के लिए काम करने वाले शख्स ने दाखिल की थी याचिका


पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आये ‘अल्पसंख्यक प्रवासियों’ के कल्याण के लिए काम करने वाले हरिओम नामक व्यक्ति ने याचिका दाखिल की थी. याचिका पर जवाब देते हुए केंद्र ने कहा, ‘‘मौजूदा याचिका में उत्तर दिल्ली में आदर्श नगर के शाह आलम रोड पर दिल्ली जल बोर्ड मैदान में इस समय रहने वाले 200 हिंदू अल्पसंख्यक प्रवासी परिवारों के लिए बिजली कनेक्शन का अनुरोध किया गया है. मौजूदा याचिका गलत है क्योंकि इस भूमि पर स्थापित शिविर अवैध हैं और रक्षा भूमि पर अतिक्रमण करके बनाये गये हैं.’’


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