Delhi Air Pollution: केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने ग्रेडेड रैपिड एक्शन प्लान (GRAP) अवधि के दौरान राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में औद्योगिक और वाणिज्यिक संचालन के लिए 800 KW से अधिक क्षमता के जनरेटर सेट के विनियमित उपयोग की अनुमति दी है. 14 सितंबर के एक आदेश में, पैनल ने कहा कि आयोग ने कहा है कि जनरेटर को पीएनजी की अनुपलब्धता वाले क्षेत्र में एक दिन में सिर्फ एक घंटा ही चलाया जा सकेगा.


आयोग ने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण के लिए डीजल से चलने वाले जनरेटरों को एक बड़ा कारक माना है, इसलिए ये निर्देश दिए गए हैं. वहीं समय की बाध्यता के साथ, बड़े जनरेटर को ऊंचाई पर रखना होगा, ताकि उससे निकलने वाले धुएं, सतह के उस स्तर पर हो जहां सांस लेने में दिक्कत न हो. वहीं, आयोग ने आपातकालीन सेवाओं में इस्तेमाल होने वाले जनरेटर को इन प्रतिबंधों से दूर रखा है, यानी लिफ्ट, नर्सिंग होम, अस्पताल, मेट्रो जैसी तमाम सेवाओं में इनका इस्तेमाल हो सकेगा.


इस निर्देश का करना होगा पालन


इसके साथ ही आयोग के निर्देश में कहा गया है कि जिन क्षेत्रों में पीएनजी ढांचा और गैस उपलब्ध हैं वहां पर आठ सौ किलोवाट क्षमता वाले जनरेटर डुजल मोड (गैस आधारित ईंधन डीजल) वाले होने चाहिए. उन्हें एक दिन में सिर्फ दो घंटे चलाने की अनुमति होगी, जबकि, जहां पीएनजी ढांचा नहीं है, वहां सिर्फ एक घंटे ही इस क्षमता वाले जनरेटर को चलाने की अनुमति होगी.


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क्या है ग्रेडेड रैपिड एक्शन प्लान


सर्दियों के मौसम में प्रदूषण के स्तर को कम रखने के लिए दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) लागू किया जाता है. इसमें प्रदूषण के अलग-अलग स्तर के साथ ही अलग-अलग प्रतिबंधात्मक कदम उठाने की व्यवस्था है. आमतौर पर 15 अक्तूबर से 15 फरवरी तक ग्रैप लागू किया जाता है लेकिन, इस बार गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने एक अक्तूबर से ही इसे लागू करने के निर्देश दिए हैं, ताकि हवा को खराब होने से पहले ही प्रदूषण के कारकों की रोकथाम की जा सके. इसी के मद्देनजर ये कदम उठाए जा रहे हैं.


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