Vidyanjali Volunteer Service: नई शिक्षा नीति (New Education Policy) के तहत छात्रों की पढ़ाई के नुकसान की भरपाई करने के लिए केंद्र सरकार (Central Government) द्वारा ‘विद्यांजलि’ (Vidyanjali Program) कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी. यह एक वॉलंटियर सेवा है जिसके तहत उच्च शिक्षण संस्थानों से लेकर छात्र तक अपनी सेवाएं दे सकते हैं. इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों के अलावा उन छात्रों की मदद की जाएगी जो कोरोना के दौरान किसी न किसी वजह से अपनी पढ़ाई सुचारू रूप से नहीं कर पाए.


बनेंगे पांच हजार कोचिंग सेंटर –


महामारी के दौरान कई छात्रों के पास ऑनलाइन पढ़ाई के साधन नहीं थे तो कई परिवार बेरोजगारी और आर्थिक तंगी के कारण अपने बच्चों को पढ़ा नहीं पाए. ऐसे छात्रों की मदद के लिए केंद्र सरकार ने ‘विद्यांजलि’ कार्यक्रम शुरू करने का फैसला लिया है.


इसके तहत उच्च शिक्षण संस्थानों में 5 हजार कोचिंग सेंटर खोले जाएंगे. यही नहीं नेशनल एलायंस फॉर टेक्नोलॉजी के तहत आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े छात्रों के लिए 25 प्रतिशत सीटें मुफ्त रखी जाएंगी.


यूजीसी ने लिखा यूनिवर्सिटीज को पत्र –


इस बाबत यूजीसी ने सभी राज्यों और विश्वविद्यालयों को पत्र लिखा है और कहा है कि आगामी शैक्षिक सत्र से यानी 2022-23 से ये योजना लागू की जाए. अगले आने वाले सेशन से छात्र इस योजना का लाभ उठा पाएं इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है. 


आम लोग और छात्र भी दे सकते हैं सहयोग –


इस ‘विद्यांजलि’ कार्यक्रम के अंतर्गत कोई भी सहयोग दे सकता है. ये सहयोग किताबें, इक्विपमेंट, फर्नीचर, कंप्यूटर, स्कॉलरशिप, ब्लैकबोर्ड आदि चीजें देकर किया जा सकता है या किसी प्रकार की सेवा भी दी जा सकती है. लोग चाहें तो विशेष अवसर जैसे सालगिरह आदि पर भी सेवा देकर इसे यादगार बना सकते हैं.


होनहार छात्रों के सहयोग देने पर यानी वॉलंटियर बनने पर उन्हें क्रेडिट स्कोर मिलेगा. यूजीसी और एनआईसीटीई 45 घंटे की वॉलंटियर सेवा पूरी करने पर एक क्रेडिट स्कोर छात्र को देगा. साल में अधिकतम तीन क्रेडिट स्कोर पाए जा सकते हैं.


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