Urban Extension Road: 'पश्चिमी रिंग रोड' से राजधानी दिल्ली को मिलेगी प्रदूषण-जाम से राहत, केंद्रीय मंत्री गडकरी ने बताई वजह
Urban Extension Road: यह रिंग रोड पश्चिमी दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली, आईजीआईए और गुरुग्राम को आपस में जोड़ेगी. इसके बनने के बाद दिल्ली के लोगों को आवागमन में सुविधा हो जाएगी.
Delhi News: राजधानी दिल्ली में इस साल के अंत तक निर्माणाधीन पश्चिमी रिंग रोड (Urban Extension Road-2) का काम पूरा कर लिए जाने की संभावना है. इसके बाद इसे आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा. इस पश्चिमी रिंग रोड की शुरुआत से दिल्ली की सड़कों पर हर दिन दूसरे राज्यों से आने वाले हजारों वाहनों का दबाव काफी हद तक कम हो जाएगा. इससे दिल्ली के लोगों को प्रदूषण और जाम से तो राहत मिलेगी ही साथ ही उन वाहन चालकों का सफर भी आसान हो जाएगा, जिन्हें अभी शहर के अंदर से होकर निकलना पड़ता है.
नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) द्वारा बनाये जा रहे इस पश्चिमी रिंग रोड का लगभग 60 फीसदी काम पूरा हो चुका है. इसका निरीक्षण करने कल केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, उपराज्यपाल वीके सक्सेना पहुंचे थे. इसका जायजा लेने के बाद उन्होंने दिसंबर तक इसके पूरा होने की उम्मीद जताई है. नितिन गडकरी बस में सवार होकर पूरी सड़क का निरीक्षण किया. इस दौरान उनके साथ सांसद प्रवेश वर्मा, हंसराज हंस, नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी और विधायक विजेंद्र गुप्ता समेत एनएचएआई के अधिकारी भी मौजूद रहे.
दिल्ली शहर के बाहरी इलाके से निकल सकेंगी गाड़ियां
बता दें कि इस पश्चिमी रिंग रोड की लंबाई 76 किलोमीटर है. इसके शुरू होने के बाद, हरियाणा, पंजाब और जम्मू-कश्मीर से दिल्ली एयरपोर्ट व अन्य स्थानों पर आने वाली गाड़ियों को दिल्ली शहर से होकर जाने की जरुरत नहीं पड़ेगी. वो दिल्ली के बाहरी इलाके से ही निकल जाएंगी. ये रिंग रोड, पश्चिमी दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली, आईजीआईए और गुरुग्राम को आपस में जोड़ेगी. इसके बनने के बाद दिल्ली के लोगों को भी आवागमन में सुविधा हो जाएगी. गौरतलब है कि इस रिंग रोड को बनाने में 20 लाख टन कचड़े का इस्तेमाल किया गया है. गाजीपुर और भलस्वा लैंडफिल साईट से कचड़ा लाकर यहां उसका इस्तेमाल किया जा रहा है.
इसकी कुल लागत 7,716 करोड़ रुपये
वहीं तकरीबन एक हजार पेड़ों को यहां से स्थानांतरित किया गया है. केंद्रीय सड़क परिहवन मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि छह लेन वाली इस रोड को पांच पैकेज में बनाया जा रहा है. इसकी कुल लागत 7,716 करोड़ रुपये है. इसमें 3,500 करोड़ रुपये डीडीए की तरफ से दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि इसके बनने के बाद दिल्ली के धौला कुआं और मुबारका चौक पर ट्रैफिक में कमी आएगी. इसमें 27 फ्लाईओवर, एक बड़ा पुल, 26 छोटे पुल, 11 अंडरपास और 17 पैदल यात्री सब-वे बानाये जा रहे हैं. इसे बाद में नोएडा एयरपोर्ट से भी जोड़े जाने की योजना है.
दिल्ली को जाम से मिलेगी निजात
नितिन गडकरी ने बताया कि केंद्र सरकार दिल्ली को जाम मुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. इसी को ध्यान में रख कर बनाई गई परियोजनाओं का हिस्सा ये पश्चिमी रिंग रोड है. दिल्ली में हर दिन एक लाख से ज्यादा व्यवसायिक वाहन पहुंचते हैं, जिन्हें दिल्ली होते हुए दूसरे राज्य जाना होता है. वहीं अब इसके शुरु होने के बाद उन्हें शहर में प्रवेश करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इससे उन वाहन चालकों को जाम की परेशानी और इस दौरान लगने वाले अतिरिक्त समय की समस्या से तो छुटकारा मिलेगा ही, साथ ही दिल्ली की ट्रैफिक पर भी दबाव कम हो जाएगा. नितिन गडकरी ने आगे बताया कि इस रिंग रोड को ई-एक्सप्रेस वे की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है.
इसमें एक लेन पर इलेक्ट्रिक बसों व ट्रकों के साथ भारी वाहनों के लिए ई-वे बनाने की तैयारी है. इस लेन पर रेलवे मार्ग की तरह बिजली के तार होंगे. ये वाहन ट्रेन की तरह तारों से बिजली लेकर चलेंगे. भविष्य के लिए विकसित की जा रही इस योजना को दिल्ली से जयपुर के बीच भी बनाने की तैयारी है.