दिल्ली नगर निगम के साथ आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय की समीक्षा बैठक हुई. इस बैठक में शहर के डंपिंग ग्राउंड की सफाई के लिए केंद्र सरकार ने 776 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजरी दी है. इस परियोजना से दिल्ली के डंपिंग ग्राउंड से 253 लाख टन कचरे के सफाई होगी. समीक्षा बैठक के बाद दिल्ली एमसीडी के अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली सरकार को स्वच्छ भारत मिशन के तहत पहली किस्त यानी 174 करोड़ रुपये जारी किए हैं.
केंद्र सरकार ने यह कदम गाजीपुर डंपिंग ग्राउंड में लगी आग के बाद उठाया है. इस बैठक में तीन नगर निकायों, विभिन्न मंत्रालयों, दिल्ली सरकार और सीपीसीबी के अधिकारियों ने भाग लिया. समीक्षा बैठक में मंत्रालय नगर निकायों को स्रोत पर कचरे को अलग करने के अपने प्रयासों को बढ़ाने के लिए कहा गया. दिल्ली सरकार से डंपिंग ग्राउंड से खुदाई किए गए कचरे के परिवहन के लिए ग्रीन सेस फंड का उपयोग करने के विकल्प का पता लगाने का आग्रह किया गया.
इस बैठक बाद एसडीएमसी के एक अधिकारी ने कहा केंद्र ने 80% धनराशि जारी की है जबकि राज्य सरकार बाकी देगी. इसने हमें उम्मीद की एक किरण दी है और अब हमें ओखला लैंडफिल में जैव-खनन और संचित निष्क्रियता से छुटकारा पाने के लिए पैसे की आवश्यकता थी जो पूरी हो जाएगी. हालांकि हमारे पास कचरे की सफाई के लिए पर्याप्त मशीनरी और ठेकेदार हैं लेकिन इस समय लागत एक बड़ा मुद्दा था.
वहीं एसडीएमसी ने ओखला डंपिंग ग्राउंड से छह लाख टन कचरे की सफाई के लिए एनएचएआई के साथ करार किया है. वर्तमान में एसडीएमसी रोजाना ओखला लैंडफिल में 1,600-1,700 टन कचरा डंप करती है. लगभग 55 लाख टन कचरा लैंडफिल पर पड़ा था, जहां 13 लाख टन का जैव-खनन किया गया था. साउथ नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कचरे से निकलने वाले ईंधन की मात्रा बढ़ाने से इसका उपयोग सीमेंट भट्टों में किया जा सकता है. हालांकि वह दिल्ली-एनसीआर में स्थित नहीं हैं, इसलिए 48 ट्रॉमेल मशीनों को चलाने की लागत बहुत बड़ी है.
Delhi News: देश में लड़की, महिला और बच्चों को डराने-धमकाने वाले कत्तई बर्दाश्त नहीं- दिल्ली हाईकोर्ट