Delhi News: केंद्र सरकार ने 27 दिन पहले दिल्ली में अध्यादेश (Delhi Ordinance) लागू किया था. उसके बाद से आप और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप चरम पर है. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल अध्यादेश को लेकर विपक्षी एकता की मुहिम पर हैं. इस क्रम में एक दिन पहले सीपीआई नेताओं से दिल्ली में मुलाकात के बाद अरविंद केजरीवाल ने कहा कि चूंकि बीजेपी वाले दिल्ली में चुनाव जीत नहीं सकते, इसलिए केंद्र के लोग बैकडोर से इसे चलाना चाहते हैं. केंद्र के अध्यादेश में शामिल प्रावधानों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि एक तरह से उन्होंने दिल्ली सरकार को खत्म कर दिया है. 


दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का अध्यादेश कहा है कि केंद्र ने नए अध्यादेश के जरिए ना सिर्फ सुप्रीम कोर्ट के ट्रांसफर-पोस्टिंग वाले फैसले को पलट दिया है बल्कि एनसीटी दिल्ली की सरकार को खत्म सा कर दिया है. हम केंद्र के अध्यादेश को जितना पढ़ रहे हैं उतनी नई बातें उभरकर सामने आ रही हैं. दिल्ली सरकार में काम कर रहे सचिवों को मंत्री का बॉस बना दिया गया है. दिल्ली के मुख्य सचिव को यह अधिकार दे दिया है कि कैबिनेट के फैसले को कानूनी या गैर-कानूनी घोषित कर सकें. अगर सचिव को लगता है कि मंत्री का आदेश कानूनी नजरिए से सही नहीं है तो वह आदेश मानने से इनकार कर सकता है. 


ऐसे दिल्ली सरकार क्या करेगी?


सीएम अरविंद केजरीवाल ने ये भी कहा है कि दिल्ली से संबंधित आयेाग और बोर्ड बोर्ड का गठन भी केंद्र सरकार करेगी. अगर ऐसा होगा तो दिल्ली सरकार क्या करेगी. यानी अब केंद्र सरकार ही वाटर सेक्टर, दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन व अन्य आयोगों को चलाने का काम करेगी. दिल्ली में 50 से ज्यादा कमीशन का गठन केंद्र सरकार करेगी तो दिल्ली सरकार क्या करेगी? यह खतरनाक अध्यादेश है. 


140 करोड़ लोग करें इसका विरोध


आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के सीएम केजरीवाल का दावा है कि अध्यादेश दिल्ली में एक प्रयोग है. अगर इसे यहीं पर नहीं रोका गया तो सभी गैर भाजपाई सरकारों के लिए के खिलाफ यह अध्यादेश आएगा. देश के 140 करोड़ लोगों को एक साथ इसका विरोध करना चाहिए. 


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