Delhi News: दिवाली (Diwali) के बाद होने वाले छठ महापर्व (Chhath Puja) को लेकर तैयारियां शुरू की जा चुकी हैं. चूंकि यह पर्व पूर्वांचलियों के लिए काफी अहम होता है जिसके लिए दिल्ली सरकार की तरफ से भी घाटों के निर्माण करवाए जा रहे हैं. वहीं नेता और क्षेत्रीय प्रतिनिधि भी घाटों और वहां की जा रही तैयारियों का जायजा लेने पहुंच रहे हैं. इसी कड़ी में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली (Arvinder Singh Lovely) यमुना स्थित ITO छठ घाट का दौरा करने पहुंचे. 


इस दौरान लवली ने छठ महापर्व पर ड्राई डे की मांग को दोहराया. इसके लिए दिल्ली कांग्रेस ने उपराज्यपाल को एक ज्ञापन भी सौंपा था. वहीं यमुना स्थित छठ घाट का दौरा करते हुए लवली ने कहा कि दिल्ली की जनता प्रदूषण का डबल कहर झेल रही है. एक तरफ जहां हवा पूरी तरह दूषित हो रही है वहीं सरकार की नकामियों के कारण यमुना का पानी पूरी तरह विषैला हो गया है.


श्रद्धालु दूषित पानी में छठ माता की अराधना करने को मजबूर
लवली ने केजरीवाल सरकार पर हमलावर होते हुए कहा कि बड़े-बड़े विज्ञापन और बजट आंवटन के बावजूद सरकार न तो राजधानी में प्रदूषण नियंत्रण के लिए कोई सकारात्मक योजना बना पाई और न ही यमुना के पानी में घुलते जहर पर कोई नियंत्रण कर पाई है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार की नाकामी और जनता के प्रति बेरुखी के कारण पूर्वाचंल श्रद्धालु प्रदूषित पानी में छठ माता की अराधना करने को मजबूर हैं. लवली ने कहा कि आने वाले 4-5 दिन बाद छठ महापर्व है, लेकिन सरकार ने इसकी तैयारियों को लेकर सिंचाई विभाग को कोई निर्देश जारी नहीं किए हैं और न ही अभी तक जल बोर्ड द्वारा कृत्रिम घाट बनाकर उनमें पानी की व्यवस्था की गई है.


सरकार और निगम छठ पर्व सफाई व्यवस्था दुरस्त करने में विफल
लवली ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यमुना में अतिरिक्त पानी छोड़ने के लिए हरियाणा सरकार से भी कोई बात नहीं की गई है जिससे कि पूर्वाचंल के लोग स्वच्छ पानी में पूजा अर्चना कर सकें. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम दोनों राजधानी में छठ पर्व पर सफाई करने में विफल रही है.


छठ पूजा समिति अपने स्तर पर करती है घाटों पर प्रबंध
लवली ने कांग्रेस के शासन काल की याद दिलाते हुए कहा कि जब दिल्ली में कांग्रेस की सरकार थी, तब छठ से 10 दिन पहले ही संबंधित विभागों के साथ एसडीएम और डीसी को उचित व्यवस्था करने के निर्देश जारी कर दिए जाते थे और हरियाणा सरकार से अनुरोध करके समय से यमुना में पानी छुड़वाया जाता था. वहीं हर साल दिल्ली सरकार के मंत्री नाव में खड़े होकर फोटो तो खिचवाते हैं, लेकिन छठ महापर्व की तैयारियों को दुरस्त करने के लिए कोई पर्याप्त कार्यवाही नहीं करते हैं.


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