Delhi News: दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को जासूस होने और भारत विरोधी गतिविधियों में कथित संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार 50 वर्षीय चीनी महिला को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. 'बौद्ध साधु' होने का दावा करने वाली कै रुओ को गुरुवार को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया था.


एक सूत्र ने आईएएनएस को बताया कि काई रूओ एक अच्छी तरह से प्रशिक्षित और चालाक महिला है, जिसने यह दावा करके जांचकर्ताओं को गुमराह करने की कोशिश की कि चीनी कम्युनिस्ट नेता उसे मारना चाहते थे इसलिए, वह भारत भाग आई.


एक अधिकारी ने कहा कि उसके रिकॉर्ड को स्कैन और क्रॉस-चेक किया जा रहा है. दिल्ली पुलिस अधिकारियों के साथ आईबी, रॉ और एनआईए के अधिकारियों ने उससे उसकी भविष्य की योजनाओं के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के लिए पूछताछ की.


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PFI से लिंक के सबूत नहीं
उसके पास से कुछ डिजिटल डिवाइस बरामद किए गए. जांच एजेंसियों ने यह भी जानना चाहा कि क्या वह प्रतिबंधित संगठन पीएफआई के संपर्क में थी या नहीं. सूत्रों के मुताबिक, अभी तक पीएफआई से कोई संबंध नहीं पाया गया है लेकिन पता चला है कि वह 'अशांति पैदा करने की कोशिश कर रही थी'.


रुओ ने अदालत से अनुरोध किया कि उसे एक बौद्ध नन की पोशाक पहनने की अनुमति दी जाए. वह फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद है. सूत्रों ने कहा कि उसकी गिरफ्तारी के बारे में एक फाइल तैयार की गई. चूंकि मामला जासूसी से संबंधित है, इसलिए इसे पुलिस आयुक्त कार्यालय और गृह मंत्रालय को भेजा गया .


दलाई लामा से मिलने की कोशिश की?
एक अधिकारी ने कहा- चीन दलाई लामा की जासूसी करता रहा है. वह उत्तरी दिल्ली के मजनू का टीला में भी रह रही थी. अब हम यह जानने की कोशिश करेंगे कि क्या वह दलाई लामा से मिलने की कोशिश कर रही थी. हम यह भी जांच रहे हैं कि कौन उसे फंडिंग कर रहा था.


उसके सहयोगियों की पहचान करने की भी कोशिश कर रहे हैं जो दिल्ली में उसकी मदद कर रहे थे. एनआईए और आईबी अधिकारी भी इस मामले में जानकारी इकट्ठा करने की कोशिश में लगे हुए हैं.