Delhi Traffic Jam News: दिल्ली के चिराग दिल्ली फ्लाईओवर (Chirag Delhi Flyover) को मरम्मत के काम के लिए 12 मार्च से बंद कर दिया गया है. इसके दोनों कैरिज-वे का बारी-बारी से मरम्मत कार्य किया जाएगा. इसके लिए कुल 50 दिन का समय निर्धारित किया गया था, लेकिन इस व्यस्ततम फ्लाईओवर को बंद किए जाने से हर दिन लोगों को जाम की गंभीर समस्या से जूझना पड़ रहा है. दो-तीन दिन में लोगों को हुई परेशानी के बाद, यहां पर अतिरिक्त पुलिस बलों की तैनाती की गई है, जिससे यातायात सुगमता से आवागमन कर सके.


ऐसे में सवाल उठने शुरू हो गए हैं कि क्या दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने फ्लाईओवर मेंटेनेंस कार्य के लिए पहले से तैयारी नहीं कर रखी थी, क्या हेवी ट्रैफिक के मद्देनजर, सुगम यातायात के लिए उन अतिरिक्त ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की तैनाती नहीं की गई थी, जिन्हें अब लगाया गया है? हालांकि, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने फ्लाईओवर को बंद किए जाने और वैकल्पिक मार्गों के सुझाव को लेकर आम लोगों के लिए नोटिफिकेशन भी जारी किया था.


डायवर्जन से संबंधित लगाए गए थे 50 बोर्ड


इसके अलावा डायवर्जन से संबंधित 50 बोर्ड भी लगाए गए थे, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने शुरुआत में कैरिज-वे की मरम्मत के दौरान संभावित ट्रैफिक जाम की समस्या को उतनी गंभीरता से नहीं लिया और न ही लोगों को ही ये अंदाजा रहा कि एक तरफ के कैरिज-वे के बंद होने से उन्हें भीषण जाम का सामना करना पड़ सकता है.


अतिरिक्त ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को किया गया तैनात


दो दिन तक बने जाम के हालातों के बाद दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने महिला पुलिसकर्मियों समेत अतिरिक्त पुलिसकर्मियों की तैनाती की है, जिससे आने-जाने वाले राहगीरों को परेशानियों का सामना ना करना पड़े और जाम की स्थित उत्पन्न न हो. इसके लिए गुरुवार सुबह से ही ट्रैफिक पुलिसकर्मी फ्लाईओवर के नीचे पूरी तरह से मुस्तैद नजर आए. यहां तक कि डीसीपी ट्रैफिक धीरेंद्र प्रताप सिंह, एसीपी अतुल सूद ने खुद ही कमान संभाल कर दर्जन भर से ज्यादा ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को यातायात को सुगमता से चलाने के लिए निर्देशित करते नजर आए.


लोगों की दी ये गई ये सलाह


इस दौरान डीसीपी ने बताया कि चिराग दिल्ली फ्लाईओवर पर चल रहे मरम्मत कार्य की वजह से लोगों को जाम और परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि लोग अगर थोड़ा पहले निकलें और धैर्य बनाए रखें तो न उन्हें ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा और न ही यातायात को सुगम बनाए रखने में कोई परेशानी होगी. उन्होंने कहा कि इस काम के लिए 50 दिन का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन ऐसा लग रहा है कि इसमें महीने भर का समय लग सकता है.


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