(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Delhi Politics: एलजी और सीएम के बीच चरम पर तकरार, आतिशी का अधिकारियों को निर्देश- 'बिना इजाजत के न करें ये काम'
Delhi Ordinance Bill: दिल्ली सरकार का कहना है कि हमारे पास दिल्ली को चलाने का अधिकार है तो दूसरी तरफ केंद्र कहना है कि यूटी का स्टेटस होने से राजधानी को नियमों से ही चलाया जा सकता है.
Delhi News: दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर सर्विस विषय से जुड़ा दिल्ली अध्यादेश विधेयक आज राज्यसभा से भी पास हो सकता है. एक तरफ आज यह बिल राज्यसभा में पेश किया जाएगा तो दूसरी तरफ दिल्ली सरकार के मंत्री आतिशी (Atishi) ने विभागीय अफसरों को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा है कि जब तक किसी भी विभागीय अधिकारी को संबंधित विभाग से जुड़े फाइल के कोई लिखित आदेश ना दिया जाए, तब तक वह फाइल किसी को ना दिया जाए. वैसे यह स्पष्ट इशारा कर रहा है कि दिल्ली सरकार और एलजी के बीच खींचातानी कम होने की बजाय, दिनों दिन और बढ़ता ही जा रहा है.
दरअसल, बीते कई महीनों से एलजी और दिल्ली सरकार के बीच ट्रांसफर पोस्टिंग से लेकर विभागीय कामकाज के मुद्दे पर मनमुटाव और बयानबाजी जारी है. इसी बीच दिल्ली सरकार और दिल्ली एलजी की तरफ से एक दूसरे के काम में हस्तक्षेप करने का भी आरोप लगाया गया था. वहीं विभागीय कामकाज के फाइल को लेकर भी कई आरोप-प्रत्यारोप देखे गए हैं. जानकारी के अनुसार आतिशी ने दिल्ली सरकार के मंत्रियों ने विभागों को स्पष्ट हिदायत देते हुए कहा है कि जब तक आप सरकार की तरफ से अनुमति न दी जाए तब तक कोई भी फाइल दूसरे जगह नहीं भेजा जाएगा. दिल्ली सरकार के करीबियों से मिली जानकारी के अनुसार सभी मंत्रियों ने अपनी-अपने विभागों को निर्देश दिया है.
दिल्ली अध्यादेश आज राज्यसभा
दिल्ली में ट्रांसफर पोस्टिंग से जुड़ा महत्वपूर्ण अध्यादेश लोकसभा में पारित होने के बाद आज राज्यसभा में पेश किया जाएगा. जिसको लेकर दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने विपक्षीय एकजुटता के साथ इसे रोकने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी है. वहीं, केंद्र सरकार की तरफ से भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलटते हुए अध्यादेश लाकर इसे कानून बनाने के लिए आज राज्यसभा में पेश किया जाएगा. दिल्ली पर अपने शासन के अधिकार को लेकर छिड़ा यह जंग लगातार जारी है. जहां एक तरफ दिल्ली सरकार का कहना है कि हमें मिले जनादेश के अनुसार पूरे दिल्ली को चलाने का अधिकार मिलना चाहिए, तो दूसरी तरफ केंद्र सरकार की तरफ से संवैधानिक मूल्यों का हवाला देते हुए कहा गया है कि राजधानी का स्टेटस होने की वजह से दिल्ली को केंद्र सरकार के नीति नियमों से ही चलाया जा सकता है.