(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
दिल्ली में होगी आर्टिफिशियल बारिश? मंत्री गोपाल राय ने केंद्र को लिखी चिट्ठी
Cloud seeding in Delhi: दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति बिगड़ती जा रही है. ऐसे में दिल्ली सरकार चाहती है कि राजधानी में कृत्रिम बारिश के विकल्प का इस्तेमाल किया जाए.
दिल्ली पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने प्रदूषण की बिगड़ती स्थिति के मद्देनजर दिल्ली में आर्टिफिशियल बारिश को लेकर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को चिट्ठी लिखी है. इसमें कृत्रिम बारिश को मंजूरी देने के लिए सभी स्टेक होल्डर की बैठक बुलाने की मांग की गई है.
गोपाल राय इससे पहले भी आर्टिफिशियल बारिश करवाने को लेकर ज़रूरी अनुमति लेने के लिए बैठक की मांग को लेकर केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री को चिट्ठी लिख चुके हैं.
बुधवार की सुबह दिल्ली में धुंध की मोटी परत दिखी
बता दें कि बुधवार सुबह राष्ट्रीय राजधानी में धुंध की मोटी परत छाई रही और वायु गुणवत्ता सूचकांक 363 रहा, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में आता है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने सोमवार को दिल्ली में जीआरएपी का दूसरा चरण लागू किया, जिसके तहत कोयले और जलाऊ लकड़ी के साथ-साथ डीजल जनरेटर के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
30 अगस्त और 10 अक्टूबर को भी लिखी थी चिट्ठी
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को लिखे अपने पत्र में गोपाल राय ने खतरनाक धुंध और प्रदूषण के स्तर से उत्पन्न स्वास्थ्य जोखिमों को कम करने के लिए क्लाउड सीडिंग समेत आपातकालीन उपायों की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने इस संबंध में केंद्रीय मंत्री को 30 अगस्त और 10 अक्टूबर को लिखे गए उनके पिछले पत्रों की भी याद दिलाई.
'तत्काल राहत के लिए वैकल्पिक समाधान की तलाश'
गोपाल राय ने कहा, "दिल्ली की वायु गुणवत्ता पहले ही खतरनाक स्तर पर पहुंच चुकी है और सरकार ने प्रदूषण से निपटने के लिए 25 सितंबर, 2024 से विंटर एक्शन प्लान लागू की है. हालांकि, स्थिति बिगड़ने पर हम तत्काल राहत के लिए वैकल्पिक समाधान तलाश रहे हैं."
कृत्रिम बारिश के लिए क्या-क्या मंजूरी चाहिए?
दिल्ली सरकार ने पहले भी क्लाउड सीडिंग की प्रक्रिया पर विचार किया है, जिसमें वातावरण से प्रदूषकों को हटाने के लिए कृत्रिम रूप से वर्षा करायी जाती है. हालांकि, इसके लिए रक्षा मंत्रालय, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण समेत विभिन्न केंद्रीय सरकारी एजेंसियों से मंजूरी की आवश्यकता हो सकती है.
गोपाल राय ने कहा कि नवंबर में वायु गुणवत्ता के गंभीर स्तर पर पहुंचने की आशंका को देखते हुए इस समस्या से निपटने के लिए सभी संबंधित हितधारकों की बैठक बुलाई जानी चाहिए.
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