Delhi News: लोकसभा चुनाव 2024 में केंद्र में सत्ताधारी पार्टी को चुनावी मात देने के लिए 28 विपक्षी दलों का गठजोड़ इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलाएंस (I.N.D.I.A) की दो दिवसीय बैठक मुंबई में जारी है. इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री (Arvind Kejriwal) और आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को कहा है कि उनकी पार्टी ने मांग की है कि विपक्षी दलों का गठबंधन ‘इंडिया’ की बैठक में देशभर में सीटों के बंटवारे पर चर्चा की जाए। सीएम अरविंद केजरीवाल ने मीडिया की ओर से यह पूछे जाने पर कि शाम को गठबंधन नेताओं की अनौपचारिक बैठक में क्या हुआ, के जवाब में ये जानकारी दी.
दिल्ली के सीएम का यह रुख कांग्रेस की मुश्किलों को बढ़ाने वाली हो सकती है. दिल्ली के मुख्यमंत्री ने अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कहा कि उनकी पार्टी भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (I.N.D.I.A) की मुंबई बैठक सभी राज्यों के लिए सीट-बंटवारे पर चर्चा चाहती है। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि गुरुवार की बैठक अच्छी रही। वो चाहते हैं कि सीटों को लेकर पहले विपक्षी गठबंधन स्थिति पहले साफ करे. आम आदमी पार्टी इंडिया गठबंधन में इस आधार पर शामिल हुई थी कि दिल्ली सेवा विधेयक पर विपक्षी पार्टियां राज्यसभा में उनका साथ दे. इस मसले पर विपक्षी पर्टियों ने आप का साथ मानसून सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों में साथ दिया. कांग्रेस ने भी बेंगलुरु अधिवेशव से पहले भरोसा दिया और उस पर अमल भी किया. इसके बदले सीएम अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस का धन्यवाद भी किया था, ये बात अलग है कि दिल्ली सेवा विधेयक को केंद्र सरकार राज्यसभा से कराने में सफल रही।
इस मसले पर दुविधा बरकरार
यहां तक तो सबकुछ ठीक है, लेकिन अब आदमी पार्टी के मंशा यह है कि लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस दिल्ली और पंजाब में चुनाव न लड़े. विपक्षी गठबंधन की पटना बैठक के दौरान आप नेताओं ने अपने बयानों में इस बात का जिक्र थी किया था. आप नेताओं का यह भी कहना था कि ऐसा करने पर वो कांग्रेस के साथ आगामी विधानसभा चुनाव वाले राज्यों में सहयोग करने के लिए राजी होने के संकेत दिए थे, पर इस मसले पर कांग्रेस नेताओं के अलग-अलग विचार हैं, जिसकी वजह से बात अभी तक नहीं बन पाई है. अब आप नेता इस मसले पर थोड़ा नरम तो नजर आ रहे हैं, लेकिन यह साफ नहीं है कि वो कितना सीट कांग्रेस को दे सकते हैं. आप नेताओं ने इस मसले पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिए हैं.
सीटों के बंटवारे पर जोर अहम क्यों?
दूसरी तरफ, मुंबई बैठक के बीच सीएम अरविंद केजरीवाल द्वारा इस बात पर जोर देना कि पहले सीट बंटावारे पर चर्चा हो, इस बात के संकेत माने जा रहे हैं, आप नेता गठबंधन को लेकर अब भी दुविधा में हैं. ऐसा इसलिए कि दिल्ली और पंजाब कांग्रेस के कई नेता लगातार अरविंद केजरीवाल का विरोध कर रहे हैं. भले ही आप विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का हिस्सा हो, पर दिल्ली के कांग्रेस नेता केजरीवाल के खिलाफ लगातार बयान दे रहे हैं. पूर्वी दिल्ली से कांग्रेस के सांसद रहे संदीप दीक्षित ने केजरीवाल को बेहतर काम करने की नसीहत दी थी. वहीं, अलका लांबा ने कहा था कि कांग्रेस दिल्ली की सभी सीटों पर चुनाव की तैयारी करेगी, जिसका आप ने खुले तौर पर विरोध किया था. साथ ही आप ने कांग्रेस से इस मसले पर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की थी. कांग्रेस की ओर से अलका लांबा के बयान को उनका निजी बयान करार दिया था. दरअसल, यही वो कमजोर कड़ी है, जिसकी वजह से सीट शेयरिंग पर बात न बनने की स्थिति कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.