Arvind Kejriwal News: आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य संदीप कुमार पाठक ने बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट के समक्ष दलील दी कि जेल में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की अनुमति न देने का जेल प्रशासन का फैसला “मनमाना, अवैध और पूरी तरह अनुचित” है.
जेल अधिकारियों ने पाठक को अप्रैल में दो बार केजरीवाल से मिलने की अनुमति दी थी, लेकिन इस बार यह कहते हुए इजाजत देने से इनकार कर दिया कि मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद उनके द्वारा दिए गए कुछ बयान जेल नियमों का उल्लंघन करते हैं और उनकी ज्यादातर टिप्पणियां राजनीति से प्रेरित हैं.
पाठक की याचिका का विरोध करते हुए जेल अधिकारियों ने अदालत के समक्ष दलील दी कि उन्होंने जानबूझकर जेल नियमों का उल्लंघन किया और केजरीवाल के साथ हुई बातचीत के बारे में मीडिया से बात की तथा जेल प्रशासन उनके पिछले आचरण को देखते हुए उन्हें कैदी के साथ प्रत्यक्ष मुलाकात की सुविधा देने के पक्ष में नहीं है.
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जज नीना बंसल कृष्णा ने मामले को आगे की कार्यवाही के लिए बृहस्पतिवार को सूचीबद्ध कर दिया. जब अदालत ने यह जानना चाहा कि क्या किसी को भी केजरीवाल से मिलने की इजाजत नहीं है, तो पाठक के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा ने कहा कि तीन लोगों को मुख्यमंत्री से मिलने की इजाजत दी गई थी और फिलहाल दो लोग उनसे मिल रहे हैं.
अदालत ने जेल अधिकारियों से उस आदेश को भी रिकॉर्ड में शामिल करने को कहा जिसके तहत पाठक को केजरीवाल से मिलने से रोका गया है. केजरीवाल कथित आबकारी नीति घोटाले में न्यायिक हिरासत के तहत तिहाड़ जेल में बंद हैं. पाठक ने अपनी याचिका में जेल प्राधिकारियों को निर्देश देने की मांग की है कि उन्हें केजरीवाल से मुलाकात और बातचीत की अनुमति दी जाए. जेल अधिकारियों ने याचिका के जवाब में कहा कि याचिका निराधार और दुर्भावनापूर्ण है तथा इसे खारिज किया जाना चाहिए.
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