Delhi News: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) देश की बसे बड़ी पालम 360 खाप (Palam 360 Khap) के प्रधान चौधरी सुरेंद्र सोलंकी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की. प्रतिनिधिमंडल ने शामिल सदस्यों ने सीएम से ग्रामीण इलाकों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की. मुख्य रूप से लाल डोरा बढ़ाना, धारा 74(4) के तहत भूमिहीन लोगों को मिली जमीन पर मालिकाना हक दिलाना, डीएलआर एक्ट धारा 81 और 33 को हटाना, हाउस टैक्स समाप्त करना शामिल है. इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रतिनिधिमंडल की समस्याओं को गंभीरता से सुना. सीएम ने दिल्ली देहात के प्रधानों और खाप के नेताओं को इस मसले पर उचित कार्रवाई करने का भरोसा दिया है. 


पालम 360 खाप नेताओं के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सेक्शन 74(4), 81, 33 और लाल डोरा बढ़ाने और म्यूटेशन को लेकर दिल्ली सरकार द्वारा पहले ही उचित कार्रवाई कर चुकी है. बैठक में शहरीकृत किए गए गांवों में बंद अभिलेखों के म्यूटेशन को लेकर भी चर्चा हुई.  


ग्रामीणों की मांग पर सरकार कर रही उचित कार्रवाई


दिल्ली सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि दिल्ली सरकार ने जुलाई 2017 में दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर सेक्शन 74(4) को लेकर संकल्प पत्र पारित कराया था. यह भारत के इतिहास में पहली बार हुआ था जब किसी राज्य ने सेक्शन 74(4) को लेकर को लेकर विशेष बुलाया और उसके लिए संकल्प पत्र पारित किया. सेक्शन 74(4) के तहत दिल्ली के भूमिहीन लोगों को भूमि दी गई थी. उनको मालिकाना हक मिले, इसके लिए यह संकल्प पत्र पारित किया गया था. यह संकल्प पत्र एलजी के पास पहले ही भेजा जा चुका है. लाल डोरा का दायरा बढ़ाने समेत गांव देहात के सभी मुद्दों पर दिल्ली सरकार उचित कार्रवाई कर रही है.


हाउस टैक्स माफ, लाल डोरे का हो विस्तार


पालम 360 खाप के प्रधान सुरेंद्र सिंह सोलंकी ने सीएम अरविंद केजरीवाल को एक ज्ञापन भी सौंपा. ज्ञापन के जरिए प्रतिनिधिमंडल ने मांग की कि दिल्ली के सभी गांवों में हाउस टैक्स पूरी तरह से माफ किया जाए. दिल्ली में शहरीकृत किए गए गांवों में अभिलेखों का म्यूटेशन बंद है, जिसे फिर से बहाल किया जाए. प्रतिनिधिमंडल ने मांग की है कि डीएलआर एक्ट की धारा 81 और 33 के तहत कार्रवाई को समाप्त किया जाए और सरकार की ओर से ग्रामीणों पर धारा-81 में दर्ज मामले वापस लिए जाएं. धारा 74(4) के तहत गांवों भूमिहीनों को आवंटित ग्राम सभा की रिहायशी और कृषि भूमि पर उन्हें मालिकाना हक दिया जाए. प्रतिनिधिमंडल के नेताओं ने सभी गांवों में लाल डोरे का जल्द से जल्द विस्तार किए जाने की मांग की गई है. 


अभी तक नहीं​ मिला मालिकाना हक


 बता दें कि 1970 और 80 के दशक में दिल्ली के कई गांवों में हजारों परिवारों को ग्रामसभा की जमीन आवंटित की गई थी. उस दौरान दिल्ली भूमि सुधार अधिनियम (1954) की धारा 74(4) के तहत मान्यता दी गई थी. ग्रामीण आवंटित जमीन पर कृषि कार्य कर रहे हैं, लेकिन अभी तक उनको मालिकाना हक नहीं मिला है. जबकि ये काम काफी पहले ही हो जाना चाहिए था. दिल्ली विधानसभा में जुलाई 2017 में एक संकल्प पत्र पारित किया गया, जिससे कि ग्रामीणों को उस आवंटित भूमि पर मालिकाना हक मिल सके. इस संकल्प पत्र को तभी एलजी के पास भेज दिया गया था. 


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