Delhi News: दिल्ली सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तत्काल बाद से अधिकारियों के तबादले को लेकर जारी सक्रियता पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा प्रदेश के मुख्य सचिव नरेश कुमार का तबादला करने के पीछे मुख्य मकसद खुद और आप मंत्रियों के खिलाफ जारी जांच को दबाना है. सीएम दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों में जारी भ्रष्टाचार को सामने नहीं आने देना चाहते हैं. सीएम इस काम के लिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का ढ़ाल के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, जो जन विरोधी नीति का प्रतीक है.
दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा का दावा है कि अधिकारियों का तबादला कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन जिस तरह वह सर्वोच्च न्यायालय से नये अधिकार मिलने के बाद से अपने नये अधिकारों का दुरुपयोग कर रहे हैं उससे साफ है कि वो सीएम बंगला घोटाला, शराब घोटाला, दिल्ली जल बोर्ड घोटाला, सब्सिडी घोटाले को लेकर जारी जांच को रोकना चाहते हैं.
सीएम अरविंद केजरीवाल की ये नीति निंदनीय होने के साथ जन हित के खिलाफ है.
बदले की भावना से बदले जा रहे अधिकारी
बीजेपी नेता वीरेंद्र सचदेवा का आरेप है कि गुरुवार को मुख्य सचिव नरेश कुमार को हटाना हो या एक दिन पहले दलित समाज से आने वाले अधिकारी आशीष मोर एवं गिन्नी सिंह को उनके पद से हटाने का मामला ही क्यों न हो, ये सभी तबादले पूर्वाग्रह और बदले की भावना के आधार पर लिए गए हैं. इन फैसलों के पीछे अहम मकसद मकसद केजरीवाल सरकार द्वारा अपनी सरकार के भ्रष्टाचार की जांच को रोकना है।
मुख्य सचिव को बदलने की मुहिम तेज
बता दें कि दिल्ली सरकार ने वरिष्ठ अधिकारी आशीष मोर के बाद अब दिल्ली के मुख्य सचिव को बदलने का फैसला लिया है. इसके लिए सीएम अरविंद केजरीवाल ने एलजी विनय सक्सेना से इसकी सहमति मांगी है. सीएम केजरीवाल ने LG के जरिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र से नए मुख्य सचिव देने की मांग की है. दिल्ली सरकार ने वर्तमान मुख्य सचिव नरेश कुमार (Chief Secretary Delhi Naresh Kumar) की जगह पीके गुप्ता (IAS PK Gupta) को मुख्य सचिव बनाने को कहा है.