झारखंड में फ्लोर टेस्ट में पास हुई सोरेन सरकार, क्या बोले सीएम अरविंद केजरीवाल?
Jharkhand Floor Test: झारखंड में चंपई सोरेन की सरकार के पक्ष में 47 मत आए. इस तरह से सोरेन सरकार ने फ्लोर टेस्ट पास कर लिया. कांग्रेस सहित अन्य दलों ने इसके लिए बधाई दी है.
फ्लोर टेस्ट में पास होने के बाद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने झारखंड के सीएम चंपई सोरेन और जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन को बधाई दी. उन्होंने कहा कि झारखंड में बीजेपी की तमाम साजिशों को धराशायी करते हुए विधानसभा में विश्वासमत हासिल किया. सीएम ने कहा कि हेमंत सोरेन और चंपई सोरेन बीजेपी के षड्यंत्रों के खिलाफ पूरे साहस के साथ लड़ाई लड़ रहे हैं.
सीएम केजरीवाल ने ट्वीट किया, "झारखंड में बीजेपी की तमाम साजिशों को धराशायी करते हुए विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने पर झारखंड के मुख्यमंत्री श्री चंपई सोरेन एवं JMM कार्यकारी अध्यक्ष श्री हेमंत सोरेन जी को मैं बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ देता हूँ. भाजपा के षड्यंत्रों के ख़िलाफ़ हेमंत जी और चंपाई सोरेन जी पूरे साहस के साथ लड़ाई लड़ रहे हैं."
झारखंड में बीजेपी की तमाम साजिशों को धराशायी करते हुए विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने पर झारखंड के मुख्यमंत्री श्री @ChampaiSoren जी एवं JMM कार्यकारी अध्यक्ष श्री @HemantSorenJMM जी को मैं बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ देता हूँ। भाजपा के षड्यंत्रों के ख़िलाफ़ हेमंत जी और…
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) February 5, 2024
जेएमएम, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के सत्तारूढ़ गठबंधन को भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (लिबरेशन) के इकलौते विधायक ने बाहर से समर्थन दिया. विपक्षी गठबंधन में बीजेपी के 26 और ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) पार्टी के तीन विधायक हैं.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में पिछले सप्ताह हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया था. इसके बाद जेएमएम के विधायक दल के नेता चंपई सोरेन ने दो फरवरी को झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. चंपई सोरेन को सदन में अपनी सरकार का बहुमत साबित करने के लिए 10 दिन का वक्त दिया गया. उन्होंने फैसला किया था कि वह पांच फरवरी को विश्वास मत हासिल करेंगे. हेमंत सोरेन अभी ईडी की हिरासत में हैं. उन्हें विशेष पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) अदालत ने विश्वास मत में हिस्सा लेने की अनुमति दी थी.सत्तारूढ़ गठबंधन के करीब 38 विधायक विश्वास मत के मद्देनजर बीजेपी द्वारा ‘‘खरीद-फरोख्त’’ की आशंका के बीच दो फरवरी को दो विमानों से कांग्रेस शासित तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद ले जाए गए थे. वे विश्वास मत से पहले रविवार शाम को रांची लौटे थे.
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