Centre Ordinance on Delhi: मौसम के तापमान बढ़ने के साथ-साथ दिल्ली का सियासी पारा भी अब चढ़ चुका है. सेवा विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले को केंद्र सरकार द्वारा अध्यादेश लाकर बदलने के बाद अब आम आदमी पार्टी पूरी तरह हमलावर है. एक तरफ दिल्ली सरकार के मंत्री-विधायक केंद्र सरकार पर जुबानी हमला बोला रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि हम इस विषय को लेकर दिल्ली के घर-घर तक जाएंगे और दिल्ली की जनता को बताएंगे कि किस तरह से केंद्र सरकार द्वारा तानाशाही रवैया अपनाते हुए आपके अधिकार को छीना जा रहा है.
राजधानी में बढ़ा सियासी दंगल
आम आदमी पार्टी द्वारा जैसे इस बात की जानकारी दी गई कि केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर सेवा विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बदल दिया है. कैबिनेट मंत्री आतिशी, सौरभ भारद्वाज , मंत्री गोपाल राय सांसद संजय सिंह के अलावा खुद सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी पर तानाशाही करने का आरोप लगाया. सीएम केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली की जनता ने तीन बार विधानसभा में और एक बार एमसीडी में आम आदमी पार्टी को प्रचंड बहुमत दिया जिसके बाद आम आदमी पार्टी लगातार संघर्ष करते हुए दिल्ली की जनता के हित के लिए काम कर रही है. और एक बड़े संघर्ष के बाद सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली की जनता के हक की लड़ाई जीती थी, लेकिन केंद्र सरकार को यह बर्दाश्त नहीं. इसलिए बेहद सोची-समझी रणनीति के तहत इन लोगों ने अध्यादेश लाकर देश की सबसे बड़ी अदालत के इस फैसले को पलट दिया.
यह सीधे-सीधे सुप्रीम कोर्ट को तो चुनौती है ही, साथ ही साथ लोकतंत्र जनादेश के लिए भी अब बड़ा खतरा है. इसीलिए हमने फैसला किया है कि हम राजधानी दिल्ली के हर घर जाएंगे और सभी लोगों तक अपनी आवाज को पहुंचाएंगे कि हम आपके दिए गए जनादेश के अनुसार काम करने के लिए तत्पर है लेकिन हमें दिल्ली की जनता के लिए काम नहीं करने दिया जा रहा. हम चुप नहीं बैठेंगे. आने वाले समय में इसको लेकर निर्धारित कार्यक्रम का ऐलान किया जाएगा, जिसके माध्यम से लोग भी जान सके कि केंद्र सरकार किस तरह से तानाशाही रवैया अपनाकर अपनी नीति को जबरदस्ती दिल्ली पर थोपने का प्रयास कर रही है और भारतीय संविधान के मजबूत फेडरल स्ट्रक्चर को चोट पहुंचाने का काम कर रही हैं.
केंद्र सरकार द्वारा संसद में लाए गए अध्यादेश के बाद अब सियासत दिल्ली में चरम पर है, आम आदमी पार्टी जहां इसको लेकर पूरी तरह हमलावर है वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी भी आम आदमी पार्टी को भ्रष्टाचार घोटाले और सीएम आवास रिन्यूएशन मामले को लेकर लगातार सड़कों पर प्रदर्शन कर रही है. ऐसी स्थिति में यह देखना दिलचस्प होगा कि अध्यादेश के बाद दिल्ली की सियासत में क्या बदलाव आता है.