CM आतिशी बोलीं- 'बारिश नहीं रोक सकी पैरेंट्स का उत्साह, अब दिल्ली के सभी स्कूलों में होगा मेगा PTM'
Delhi News: दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी (Atishi) के मुताबिक आज सरकारी स्कूलों के बच्चे प्राइवेट स्कूलों की तरह फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते हैं. छात्रों के माता-पिता इस बात को लेकर खुश हैं.
Delhi Latest News: सीएम आतिशी ने कहा दिल्ली सरकर के स्कूलों में पेरेंट्स का कॉन्फिडेंस और उनके चेहरे की खुशी से साफ है कि सरकारी स्कूलों में उनके बच्चों के भविष्य की शानदार नींव डाली जा रही है. दिल्ली के बच्चों को वर्ल्ड-क्लास एजुकेशन दी जा रही है. मेगा पीटीएम के मौके पर सीएम आतिशी ने सर्वोदय को-एड विद्यालय नंबर 2 कालकाजी में आयोजित पीटीएम में पेरेंट्स और बच्चों के साथ बातचीत की.
सीएम आतिशी ने मेगा पीटीएम को लेकर कहा कि यह एक ऐसी पहल है जो दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार में शुरू हुई. उन्होंने कहा कि, "पहले पीटीएम सिर्फ बड़े प्राइवेट स्कूलों में होते थे. सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को मौका नहीं मिलता था कि उनके पेरेंट्स स्कूल में आएं और पढ़ाई को लेकर टीचर्स से बात करें. अब लगातार पिछले 10 साल से दिल्ली सरकार के स्कूलों में मेगा पीटीएम का आयोजन हो रहा है."
उन्होंने कहा, "मुझे इस बात की खुशी है कि बारिश के बावजूद भी बड़ी संख्या में पेरेंट्स इस मीटिंग में शामिल हुए. पीटीएम में मैंने कई पेरेंट्स से बात भी की. वो बच्चों की पढ़ाई से बहुत खुश हैं. बच्चों में भी इतना कॉन्फिडेंस है कि वो खुलकर अपनी बातें रख रहे हैं. माता-पिता की खुशी देखकर ये पता चलता है कि अगर बच्चों को अच्छी शिक्षा मिलती है तो बच्चा और परिवार के साथ हमारा देश भी आगे बढ़ेगा."
सीएम आतिशी ने कहा कि, "आज छोटी उम्र के बच्चे फर्राटेदार अंग्रेजी बोल रहे हैं. पैरेंट्स खुश हैं कि जो शिक्षा बच्चों को बड़े प्राइवेट स्कूलों में मिलती है, वो आज उनके बच्चों को दिल्ली सरकार के स्कूलों में मिल रही है."
मेगा पीटीएम में पेरेंट्स की बढ़ती भागीदारी पर सीएम आतिशी ने कहा कि पीटीएम् में पेरेंट्स की भागीदारी दर्शाता है कि टीचर्स के साथ साथ पेरेंट्स भी अपने बच्चों के पढ़ाई व भविष्य को लेकर सजग हो रहे हैं.
'बच्चों को समझने की कोशिश करें अभिभावक'
उन्होंने कहा कि बहुत से बच्चे अपने माता पिता से ज्यादा खुलकर बातें नहीं कर पाते है तो मै उन सभी पेरेंट्स से एक बात कहना चाहती हूं कि आप अपने बच्चों के साथ कम से कम आधा घंटा का समय जरुर व्यतीत करें और उनके परेशानियों को समझने का कोशिश करें.
'सरकारी स्कूलों के बच्चे इंग्लिश में करते हैं बात'
दसवीं कक्षा के बच्चों के पेरेंट ने कहा कि सरकारी स्कूल में बच्चों को बहुत अच्छे से पढ़ाया जाता है. टीचर्स बच्चों को स्कूल के बाद भी पढ़ाई के मदद करते हैं. उनकी परेशानियों को दूर करते हैं. सीएम से बातचीत के दौरान एक अन्य पेरेंट ने कहा कि स्कूल में पढ़ाई का माहौल अब इतना अच्छा हो चुका है कि इससे हमारे बच्चों का आत्मविश्वास भी बढ़ा है. पहले बच्चे बोलने तक में झिझकते थे लेकिन अब हमारे बच्चे इंग्लिश में बात करते हैं.
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