Delhi University Admission 2022-2023: दिल्ली विश्वविद्यालय में पहले कक्षा बारहवीं के अंकों के आधार पर एडमिशन मिलता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. नई शिक्षा नीति के तहत कॉमन एंट्रेंस टेस्ट का आयोजन किया जाएगा, जिसके आधार पर छात्रों को एडमिशन मिलेगा. डीयू में अब कट-ऑफ मार्क्स का नियम खत्म कर दिया गया है. छात्रों को इसी सत्र से कॉमन एंट्रेंस टेस्ट देना होगा, उसके बाद ही वे दिल्ली यूनिवर्सिटी के साथ ही दूसरी किसी सेंट्रल यूनिवर्सिटी में एडमिशन ले पाएंगे.
इससे दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए सभी छात्रों को बराबर मौका मिलेगा. दिल्ली यूनिवर्सिटीमें एडमिशन के लिए सबसे ज्यादा मारामारी रहती है. छात्र पहले से ही एडमिशन लेने के लिए जुट जाता हैं.
ग्रामीण इलाकों से आने वाले छात्रों को होगा फायदा
- विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा केंद्रीय विश्वविद्यालयों में एडमिशन के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) लेने का फैसला किया है. इस फैसले से उन छात्रों को होगा जो दिल्ली के बाहर ग्रामीण इलाकों से डीयू पढ़ाई करने के लिए आते हैं.
- विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने देश के सभी विश्वविद्यालयों को स्पष्ट कर दिया है कि शैक्षणिक सत्र 2022-23 से एंट्रेंस टेस्ट के जरिए ही एडमिशन लिया जाएगा. यूजीसी का यह फैसला सभी विश्वविद्यालयों पर लागू है.
परीक्षा का आयोजन NTA करेगा
डीयू में एडमिशन के लिए परीक्षा का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा किया जाएगा. इसके लिए फॉर्म एनटीए की वेबसाइट nta.ac.in से डाउनलोड किए जा सकेंगे. अब बोर्ड रिजल्ट मान्य नहीं होगा हालांकि मिनिमम मार्क्स का नियम यूनिवर्सिटी चाहें तो रख सकती है. परीक्षा का आयोजन 13 भाषाओं में किया जाएगा, जिनके नाम हैं - हिंदी, मराठी, गुजराती, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, उर्दू, असामी, बंगाली, पंजाबी, उड़िया और इंग्लिश शामिल हैं.
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