Communal Tension In Gurugram: देश की राजधानी दिल्ली से सटे साइबर सिटी गुरुग्राम के पटौदी (Pataudi) में सोमवार देर रात को हिंदू-मुस्लिम समुदाय के बीच हुए विवाद के कारण पूरे क्षेत्र में तनाव का माहोल हो गया. आरोप है कि मुस्लिम (Muslim) दबंगों ने भीड़ का रूप लेकर एक दलित परिवार पर उस वक्त हमला कर दिया.


जब बजरंग दल (Bajrang Dal) और गौ रक्षा दल के कुछ कार्यकर्ता उनकी मदद के लिए गए थे. भीड़ ने घर पर पथराव करने के साथ ही जमकर तोड़फोड़ की. घर के पास खड़ी गाड़ियों को भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया. बताया जा रहा है कि यहां दबंगों की ओर से कई राउंड फायरिंग की गए, जिसमें एक व्यक्ति को गोली लगी है और उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वारदात के बाद पूरे पटौदी क्षेत्र में तनाव का माहौल है. सूचना मिलते ही भारी पुलिस बल मौके पर पहुंच गया और पूरे क्षेत्र को छावनी में तब्दील कर दिया गया.


बाबर शाह मोहल्ले का है मामला


दरअसल पटौदी के बाबर शाह मोहल्ले में रहने वाले राकेश के परिवार को कुछ दबंग लोग काफी लंबे समय से परेशान कर रहे थे. बताया जा रहा है कि मुस्लिम समाज के इन दबंग लोगों की ओर से परिवार को हथियार दिखाकर इस कदर प्रताड़ित किया गया था कि उन्होंने पिछले एक सप्ताह से घर से बाहर निकलना ही बंद कर दिया. आरोपियों की घर के बाहर हथियार लहराते और परिवार को धमकी देने की वीडियो भी वायरल हुई थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की.


इन दबंगों से छुटकारा पाने के लिए राकेश ने अपने कुछ परिचितों को रेवाड़ी में फोन किया, जिन्होंने सोमवार को इसकी सूचना बजरंग दल को दी. रेवाड़ी से गुरुग्राम बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को जब इसकी सूचना मिली तो वह सोमवार रात करीब साढ‍़े 9 बजे पटौदी के बाबर शाह मोहल्ले में पीड़ित परिवार से बात करने पहुंचे. अभी बजरंग दल के कुछ कार्यकर्ता राकेश और उनके परिवार से बात कर रहे थे कि अचानक भीड़ ने घर पर पथराव करने के साथ ही तोड़फोड़ शुरू कर दी.


बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने लगाया ये आरोप


जानकारी के मुताबिक इस दौरान गोलियां भी चलाई गई हैं, जिसमें एक गोली एक युवक के पेट में लगना बताया जा रहा है. इस दौरान बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने इसकी सूचना पुलिस को देते हुए परिवार की महिलाओं और बच्चों को सुरक्षित करने का प्रयास किया. हमलावरों की संख्या 250 से भी ज्यादा बताई जा रही है. वारदात के कारण आस-पास रहने वाले लोग भी दहशत में आ गए. सूचना मिलने के 10 मिनट बाद ही पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और पीड़ित परिवार को सुरक्षा के बीच पटौदी थाने में पहुंचाया. वहीं एसीपी और डीसीपी स्तर के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे, लेकिन उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया.


बजरंग दल कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस परिवार पर हुआ हमला कोई पहली बार नहीं है, बल्कि इससे पहले पांच दिसंबर 2021 को भी इसी कद्र इस परिवार पर भीड़ ने हमला किया था. बताया जा रहा है कि इस मामले में पुलिस ने उस वक्त एफआईआर तो दर्ज कर ली थी, लेकिन कार्रवाई के नाम पर आज तक पुलिस ने कुछ नहीं किया. यदि पुलिस समय पर कार्रवाई करती तो आज यह हमला दोबारा नहीं होता.


गांव को छावनी में किया गया तब्दील


फिलहाल मामले में पुलिस ने पीड़ित पक्ष से तो शिकायत ले ली है, लेकिन जिस तरह से एसीपी और डीसीपी स्तर के अधिकारी अपनी जवाबदेही से बच रहे हैं, उससे आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने पर संदेह के बादल मंडरा रहे हैं. अब देखना यह होगा कि मामले में पुलिस किस तरह की कार्रवाई अमल में लाती है. वहीं गांव में माहौल शांतिपूर्ण बना रहे, इसके लिए पूरे गांव को छावनी में तब्दील किया गया है.


इस मामले में एसीपी क्राइम प्रितपाल सिंह ने बताया कि एक पक्ष की लड़की ने दूसरे पक्ष के लड़के से शादी कर ली थी, जिसको लेकर एक पक्ष के लड़के ने दूसरे पक्ष के लड़के से कुछ कहासुनी हुई. इसको लेकर दोनों पक्षों के बीच विवाद हुआ और पत्थरबाजी हुई. इसके अलावा इस दौरान गोली चलने की भी बात सामने आई है, जिसको लेकर पुलिस ने दोनों पक्षों की शिकायत ले ली है और उसी के आधार पर अलग-अलग धाराओं के तहत मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है.


दर्ज हुआ था लड़की की गुमशुदगी का मामला


प्रीतपाल सिंह ने आगे बताया कि पटौदी पुलिस स्टेशन में एक लड़की की गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया गया था. जांच में पता चला कि लड़की ने अपनी मर्जी से शादी कर ली है. कुछ दिन बाद किसी बात को लेकर दोनों पक्षों के बीच विवाद हुआ. वहीं जांच अधिकारी अरविंद कुमार ने कहा, "हमें जानकारी मिली थी कि एक व्यक्ति अस्पताल में भर्ती है ,जिसका किसी से झगड़ा हुआ था. हम अस्पताल पहुंचे तो व्यक्ति की मौत हो चुकी थी. मृतक के परिवार ने एक ऑटो ड्राइवर पर आरोप लगाया है. ऑटो ड्राइवर और एक दुकानदार को पूछताछ के लिए बुलाया है."


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