Delhi Air Pollution: दिवाली के बाद दिल्ली की आबोहवा हुई जहरीली, गले और आंखों में जलन की शिकायतें
Delhi Air Quality: दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में दिवाली (Diwali) पर खूब पटाखे जलाए जाने के बाद आज सुबह लोगों को कई दिक्कतों से सामना हुआ.
Delhi NCR Air Quality: दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में दिवाली (Diwali) पर खूब पटाखे जलाए जाने (Firecrackers) का नतीजा आ गया है. माहौल में आज सुबह घने कोहरे की मोटी परत छायी रही. उसके कारण कई हिस्सों में लोगों को गले में जलन और आंखों में पानी आने की दिक्कतों से जूझना पड़ा. अधिकारियों ने अंदेशा जाहिर किया कि आज पराली जलाए जाने से उठने वाले धुएं के कारण हालात और बिगड़ सकते हैं.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CBCB) के अनुसार, फेफड़ों को नुकसान पहुंचाने वाले महीन कण यानी पीएम2.5 (PM2.5) की 24 घंटे की औसत सांद्रता बढ़कर आज सुबह नौ बजे 410 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर हो गयी. ये आंकड़ा 60 माइकोग्राम प्रति घन मीटर की सुरक्षित दर से करीब सात गुना अधिक है. इससे पहले गुरुवार शाम छह बजे इसकी औसत सांद्रता 243 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर थी. वहीं, पीएम10 (PM10) का लेवल आज सुबह करीब पांच बजे 500 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के आंकड़ें को पार कर गया और सुबह नौ बजे तक ये 511 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर हो गया.
ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (जीआरएपी) के अनुसार, अगर पीएम2.5 और पीएम10 का स्तर 48 घंटों या उससे अधिक समय तक 300 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और 500 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से अधिक रहता है तो वायु गुणवत्ता ‘‘आपात’’ श्रेणी में मानी जाती है. दिल्ली में कम तापमान और सुबह कोहरा छाए रहने से प्रदूषक तत्वों के एकत्रित होने के कारण वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index) सुबह आठ बजे बढ़कर 451 (गंभीर श्रेणी) दर्ज किया गया. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के वरिष्ठ वैज्ञानिक आर के जीनामणि ने कहा, ‘‘दिल्ली-एनसीआर में आज सुबह घना कोहरा छाने के कारण इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और सफदरजंग हवाई अड्डे पर सुबह साढ़े पांच बजे दृश्यता (Visibility) कम होकर 200 से 500 मीटर के दायरे तक रह गयी.’’
दिल्ली में 33 वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्रों ने एक्यूआई गंभीर श्रेणी में दर्ज किया. दिल्ली की वायु गुणवत्ता गुरुवार रात गंभीर श्रेणी में पहुंच गयी थी क्योंकि लोगों ने सरकार के प्रतिबंधों का घोर उल्लंघन करते हुए दिवाली पर जमकर पटाखे जलाए. पड़ोसी शहरों फरीदाबाद (454), ग्रेटर नोएडा (410), गाजियाबाद (438), गुरुग्राम (473) और नोएडा (456) में वायु गुणवत्ता आज सुबह गंभीर श्रेणी में रिकॉर्ड किया गया. आपको बता दें कि शून्य से 50 के बीच के एक्यूआई को अच्छा, 51 से 100 को संतोषजनक, 101 से 200 के बीच को मध्यम, 201 से 300 के बीच को खराब, 301 से 400 के बीच को बहुत खराब और 401 से 500 के बीच को गंभीर श्रेणी में माना जाता है.
राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्सों और उसके उपनगरों में लोगों ने सुबह सिर में दर्द, गले में जलन और आंखों में पानी आने की शिकायतें की. चिंतित नागरिकों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर आतिशबाजी की तस्वीरें और वीडियो साझा किए और पटाखों पर प्रतिबंध को ‘मजाक’ बताया. ट्विटर पर एक यूजर ने लिखा, ‘‘दिल्ली को कायदे से कल सुबह बंद रहना चाहिए और सरकार का पटाखों पर प्रतिबंध इस साल का सबसे बड़ा मजाक साबित हुआ है. किसी को परवाह नहीं है, इस बीच मेरे परिवार के ज्यादातर लोगों को गंभीर सूखी खांसी या सिर में दर्द है. दिल्ली का एक्यूआई 700 के पार है और रात अभी शुरू भी नहीं हुई है.’’
दिल्ली में कई लोगों ने गुरुवार की रात को खूब पटाखे जलाए जाने की शिकायत की जबकि पटाखे जलाने पर एक जनवरी 2022 तक पूरी तरह प्रतिबंध है. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के शहरों नोएडा, फरीदाबाद और गुरुग्राम में देर रात तक आतिशबाजी होती रही. हरियाणा सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अपने 14 जिलों में सभी तरह के पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर रोक लगायी हुई है. उत्तर प्रदेश सरकार ने मध्यम या बेहतर वायु गुणवत्ता वाले इलाकों में दो घंटों के लिए दिवाली पर हरित पटाखों के इस्तेमाल की मंजूरी दी थी.
विशेषज्ञों ने बताया कि हवा न चलने, कम तापमान और पटाखों से होने वाले जहरीले उत्सर्जन, पराली जलाने और स्थानीय स्रोतों के कारण वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच गयी. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान एजेंसी ‘सफर’ के मुताबिक दिल्ली में पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण का हिस्सा बढ़कर गुरुवार को 25 प्रतिशत पर पहुंच गया था और आज 35 प्रतिशत और कल तक 40 प्रतिशत पर पहुंचने की संभावना है. उसने बताया कि केवल सात नवंबर की शाम से राहत मिलते की उम्मीद है लेकिन वायु गुणवत्ता बहुत खराबी श्रेणी में ही रहेगी.
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