दिल्ली हाई कोर्ट और जिला अदालतों में 22 नवंबर से पूरी तरह प्रत्यक्ष सुनवाई की व्यवस्था होगी बहाल
Delhi News: दिल्ली हाई कोर्ट और राजधानी की जिला अदालतों में 22 नवंबर से पूरी तरह प्रत्यक्ष सुनवाई की व्यवस्था बहाल होगी.
Delhi News: दिल्ली हाई कोर्ट और राजधानी की जिला अदालतों में 22 नवंबर से पूरी तरह प्रत्यक्ष सुनवाई की व्यवस्था बहाल होगी, वहीं पक्षकारों को वीडियो कॉन्फ्रेंस के अनुरोध का विकल्प मिलता रहेगा. हाई कोर्ट की रजिस्ट्री ने आज इस बारे में जानकारी दी. रजिस्ट्री ने दो अलग-अलग कार्यालयीन आदेशों में कहा कि हाई कोर्ट और जिला अदालतों के लिए सीमित प्रत्यक्ष सुनवाई की मौजूदा व्यवस्था 18 नवंबर और 20 नवंबर तक जारी रहेगी.
रजिस्ट्रार जनरल मनोज जैन की तरफ से हाई कोर्ट के लिए जारी आधिकारिक आदेश में कहा गया, ‘‘इस अदालत में सुनवाई की मौजूदा व्यवस्था 18 नवंबर, 2021 तक जारी रहेगी. 22 नवंबर, 2021 से पूरी तरह प्रत्यक्ष सुनवाई की व्यवस्था बहाल होगी. हालांकि अदालत किसी भी पक्ष या उनके वकीलों के अनुरोध पर मिश्रित या वीडियो कॉन्फ्रेंस से सुनवाई की अनुमति देगी.’’ जिला अदालतों के लिए जारी आदेश में कहा गया, ‘‘दिल्ली की जिला अदालतों में मामलों की सुनवाई की मौजूदा व्यवस्था 20 नवंबर, 2021 तक जारी रहेगी और 22 नवंबर, 2021 से प्रत्यक्ष सुनवाई पूरी तरह बहाल होगी. अदालतें किसी भी पक्ष या उनके वकीलों के अनुरोध पर मिश्रित या वीडियो कॉन्फ्रेंस से सुनवाई की अनुमति देंगी.’’
हाई कोर्ट ने कोविड-19 महामारी शुरू होने के बाद मार्च 2020 में वीडियो कॉन्फ्रेंस से सुनवाई शुरू की थी और बाद में कुछ पीठों को बारी-बारी से प्रतिदिन प्रत्यक्ष सुनवाई करने की अनुमति दी गयी. अदालत में संपूर्ण प्रत्यक्ष सुनवाई 15 मार्च, 2021 को बहाल हुई थी, लेकिन महामारी की दूसरी लहर के मद्देनजर आठ अप्रैल को आदेश दिया गया कि डिजिटल माध्यम से ही सुनवाई होगी. हाई कोर्ट ने अगस्त में फिर से घोषणा की थी कि अदालत 31 अगस्त से सीमित तरीके से प्रत्यक्ष सुनवाई शुरू करेगी जिसके बाद दो खंडपीठों और 10 एकल न्यायाधीश की पीठों ने प्रत्यक्ष सुनवाई की और बाकी पीठों ने वीडियो कॉन्फ्रेंस से सुनवाई करना जारी रखा.
आदेश में हाई कोर्ट को प्रत्यक्ष सुनवाई वाली तारीखों पर मिश्रित (प्रत्यक्ष और डिजिटल दोनों) या वीडियो कॉन्फ्रेंस से सुनवाई करने की अनुमति थी. हाई कोर्ट ने 30 सितंबर को कुछ अधिसूचित पीठों को अनुमति दी थी कि वो सुनवाई प्रत्यक्ष कर सकती है जिसमें वादियों को वीडियो कॉन्फ्रेंस से ही हाजिर होना होगा. जिला अदालतों को निर्देश दिया था कि उनके तीन-चौथाई न्यायाधीश प्रत्यक्ष बैठकर सुनवाई करेंगे.
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