Delhi News: दिल्ली सरकार में विशेषज्ञों के रूप में सेवा दे रहे 23 विभिन्न विभागों के 437 लोगों को नौकरी से एलजी द्वारा हटाए जाने का मुद्दा अब राजनीतिक रंग लेता नजर आ रहा है. एलजी के इस फैसले की आलोचना करते हुए आम आदमी पार्टी विनय कुमार सक्सेना को आड़े हाथों ले रही है. आप ने एलजी पर दिल्ली सरकार के कामों में बाधा डालने का आरोप भी लगाया है.


दिल्ली सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि सभी विशेषज्ञ अनुभवी और सम्मानित संस्थाओं से थे. उनकी नियुक्ति नियमानुसार की गई थी और वे उत्कृष्ट कार्य कर रहे थे. एलजी ने असंवैधनिक तरीके से उन्हें नौकरी से हटाया है. दिल्ली सरकार एलजी के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी, जबकि कांग्रेस और बीजेपी ने एलजी के इस कदम का समर्थन किया है और आप पर उन विशेषज्ञों की नियुक्ति में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है.


कांग्रेस ने एलजी को लिखा था पत्र 


इसे लेकर दिल्ली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने एबीपी लाइव की टीम से बातचीत में बताया कि उन्होंने एलजी को पत्र लिख कर मांग की है कि दिल्ली सरकार द्वारा 437 विशेषज्ञों की नियुक्ति में संवैधानिक प्रावधानों के उल्लंघन और अवैध नियुक्तियों की आपराधिक जांच की जाए. उन्होंने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाया है कि इन नियुक्तियों को अवैध रूप से किया गया है और इसमें करदाताओं के करोड़ों रुपये उन्हें वेतन के रूप में दिए गए हैं. जिनकी वसूली भी उनसे की जानी चाहिए. कुमार ने आगे बताया कि इन विशेषज्ञों को मिलने वाला वेतन दिल्ली के उच्च अधिकारियों से भी ज्यादा था. उन्हें न्यूनतम 60 हजार जबकि अधिकतम 2 लाख 65 हजार रुपये प्रति माह दिए जाते थे.


'AAP से वसूली जाए पूरी सैलरी'


दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष का कहना है कि संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन करके दिल्ली सरकार ने अपने लोगों की सीधी नियुक्ति उन पदों पर की, जो की एक आपराधिक मामला है. वे विशेषज्ञों, पद लाभ और सुविधाओं का फायदा उठा कर आप के लिए काम करते रहे और बदले में सरकारी धन से उन्हें करोड़ों रुपये दिए गए. इसलिए इसकी जांच कर लुटे गए सरकारी धन की वसूली भी की जानी चाहिए.


बीजेपी ने भी लगाए गंभीर आरोप


वहीं दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने, आप की प्रवक्ता प्रियंका कक्क्ड़ द्वारा इस मामले में एलजी के खिलाफ की गयी प्रेस वार्ता पर कहा की आप की प्रवक्ता समेत पूरी आम आदमी पार्टी हताश हैं, और दिल्ली के लोग उनकी हताशा समझ सकते हैं. क्योंकि बर्खास्त किये गए ज्यादातर विशेषज्ञ उन्हीं के सहयोगी थे जो सरकारी विभागों में विशेषज्ञों के पद पर आसीन हो कर सरकारी राजकोष से वेतन का लाभ उठा रहे थे.


नाम सार्वजनिक करने की अपील


उन्होंने कहा कि वे एलजी से अपील करते हैं कि बर्खाश्त किए गए विशेषज्ञों के नामों की सूचि को सार्वजानिक कर दिया जाए, जिससे उनकी असलियत सामने आ सके. उन्होंने आरोप लगाया है कि इस सूची में आप की एक महिला प्रवक्ता के अलावा एक पूर्व हिंदी पत्रकार जो अब आप की मीडिया सेल देख रहा है और एक व्यक्ति जो शिक्षा विभाग के लिए पीआर का काम करता है, शामिल हैं.