MCD power Politics: दिल्ली में एमसीडी चुनाव (MCD Mayor Election) को हुए दो महीनों से भी ज्यादा का वक्त हो चला है, लेकिन अब तक दिल्ली नगर निगम (MCD) को मेयर नहीं मिल पाया है. वजह है आप और बीजेपी के बीच चल रही रस्साकसी. लगातार दोनों पार्टी के बीच चल रही खींचतान के कारण सदन में हंगामा और शोरशराबा उत्पन्न हो रहा है, जिस कारण पीठाशीन अधिकारी को सदन की कार्यवाही स्थगित कर चुनाव को टालना पड़ रहा है. कल तीसरी बार ऐसा हुआ था जब मेयर चुनाव एक बार फिर आप (AAP) और बीजेपी के हंगामे की भेंट चढ़ गया, जिसे लेकर कांग्रेस (Congress) ने दोनों पार्टियों पर जम कर निशाना साधा है.


दिल्ली कांग्रेस के प्रवक्ता अनिल भारद्वाज (Anil Bhardwaj) ने एबीपी लाईव से खास बातचीत में आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी को आड़े-हाथों लेते हुए कहा कि दोनों ही पार्टी एक दूसरे के खिलाफ ब्लेम गेम खेल कर दिल्ली की जनता को उलझा कर रखना चाहती है. दोंनो ही पार्टी सत्ता के लालच में आकर जनता के हितों की अनदेखी कर रही है. जनता ने उन्हें अपना मत, उनकी समस्याओं के समाधान, दिल्ली की सफाई और उनसे किए गए वादों के लिए दिया था, ना कि उनके तमाशे और उनकी बेचारगी के बहानों को सुनने के लिए.


जनता का ध्यान मुद्दों से भटकाने की कोशिश 


आम आदमी पार्टी पर आक्रामक होते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता 8 सालों से उनके झूठ और बहाने को सुनती आ रही है, बावजूद इसके उन्हें निगम में जनता ने बहुमत दिया. इस उम्मीद से की वो दिल्ली की सफाई करेंगे, जनहित के कामों के तेजी लाएंगे, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हो पाया है. उन्होंने दिल्ली की जनता से वादा किया था कि एक महीने में दिल्ली की सड़क, गली और मोहल्ले कचड़ा मुक्त हो जाएंगे, कूड़े का पहाड़ हटा दिया जाएगा, लेकिन उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं किया. जनता का ध्यान इन मुद्दों पर ना जाए, इसलिए वो उनका ध्यान भटकाने के लिए ये सब कर रहे हैं. फिर भी अगर उनसे सवाल किया गया, तो वो ये कह कर बच निकलेंगे की, जी हमें तो पावर ही नहीं दिया गया, फंड ही नहीं मिला तो काम कैसे करेंगे.


एमसीडी एक्ट में है एल्डरमैन को मत का अधिकार 


एल्डरमैन के मतदान के अधिकार को लेकर उनके विरोध पर उन्होंने कहा कि दिल्ली एक विशेष राज्य, और यहां एलजी को विशेधिकार दिए गए हैं, जिसके तहत उन्होंने 10 सदस्यों को मनोनीत किया है और उन्हें मतदान का अधिकार दिया. एमसीडी के एमेंडमेंट एक्ट 2022 के तहत एल्डरमैन मत का प्रयोग कर सकते हैं. फिर आम आदमी पार्टी क्यों इसका विरोध कर रही है, ये समझ से परे है. उन्होंने आप के फिर से कोर्ट जाने पर भी सवाल उठाया और कहा कि जब आप की मेयर प्रत्याशी शैली ओबेरॉय सुप्रीम कोर्ट में चुनाव की याचिका लेकर गईं थी, तो फिर चार दिन पहले उन्होंने बिना कारण उसे वापस क्यों लिया. उन्हें इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट से जवाब मांगना चाहिए था कि एमसीडी के एमेंडमेंट एक्ट के तहत एल्डरमैन को क्या मतदान के अधिकार हैं या नहीं?


हंगामा और हाथापाई से हुई लोकतंत्र की हत्या 


वहीं, केजरीवाल पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि पढ़े लिखे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पता ही नहीं है कि कौन है एलजी और क्या हैं उनके अधिकार. ये काफी शर्मनाक है कि सदन में हंगामा और हाथापाई हो रही है. इससे लोकतंत्र की हत्या तो हो ही रही है. साथ ही ऐसा कर के दिल्ली की जनता के साथ भी छल किया जा रहा है, जिन्होंने अपनी समस्याओं के समाधान के लिए चुन कर उन्हें सदन में भेजा है. आप और बीजेपी दोनो ही सत्ता सुख की चाह में जनहित की अनदेखी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी को अपने बहुमत पर भरोसा दिखाते हुए चुनाव प्रक्रिया को शांतिपूर्ण ढंग से होने देना चाहिए, लेकिन वो ऐसा कर नहीं रहे हैं. जिसकी एक वजह ये हो सकती है कि शायद आप दिल्ली को महिला मेयर नहीं देना चाहती हो. चूंकि अगले दो महीनों में फिर से मेयर का चुनाव होना है, इसलिए शायद खानापूर्ति के लिए मेयर के नाम की घोषणा कर दी गई है, लेकिन जब चुनाव ही नहीं होगा तो कोई मेयर कैसे बनेगा. अगर इतने कम समय के लिए मेयर चुना भी जाता है, तो उसके पास करने के लिए कुछ खास समय नहीं होगा. उन्होंने कहा कि बहुत सारी संवैधानिक प्रक्रिया हैं, जो मेयर के नहीं चुने जाने की वजह से अटकी पड़ी हैं. जैसे सभी पार्षदों को शपथ ग्रहण करने के 30 दिनों के अंदर अपनी संपत्ति का ब्यौरा मेयर को सौंपना होता है, लेकिन यहाँ अब तक मेयर ही नहीं चुना जा सका है, तो आगे की प्रक्रियाएं कैसे होंगी.


आरोप-प्रत्यारोप से दिल्ली की जनता परेशान


दोनों पार्टी को नसीहत देते हुए उन्होंने कहा कि एक-दूसरे को भ्रष्टाचारी बताने और हंगामे के लिए आप सदन में नहीं पहुँचे हैं. इसलिए दोनो पार्टियों को चाहिए कि शांतिपूर्ण ढंग से मेयर, उपमेयर और स्टैंडिंग कमिटी के मेंबर का चुनाव करा कर दिल्ली की जनता की भलाई का काम करना चाहिए, ना कि आरोप-प्रत्यारोप और सड़कों पर प्रदार्शन, जिससे दिल्ली की जनता परेशान हो रही है.


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