Anil Chaudhary On Saurabh Bharadwaj-Atishi: आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की गिरफ्तारी और फिर पहले से जेल में बंद सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) का एक साथ मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं. सीएम केजरीवाल कुछ भी करते हैं या बोलते हैं, तो वो तुरंत ही विपक्षी दलों के निशाने पर आ जा रहे हैं. सिसोदिया और जैन के इस्तीफे के बाद केजरीवाल ने अपने मंत्रिमंडल में नए चेहरों को शामिल करने की कवायद शुरू की. इन चेहरों में ग्रेटर कैलाश (Greater Kailash) से विधायक सौरभ भारद्वाज और कालकाजी से विधायक आतिशी का नाम शामिल हैं, लेकिन इनके नाम मंत्रियों के लिए सामने आने के बाद अब इसे लेकर भी विरोध जाहिर होना शुरू हो गया है.
इनके मंत्री बनाए जाने को लेकर आपत्ति जाहिर करते हुए दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अनिल चौधरी ने उराज्यपाल विनय सक्सेना को एक चीट्ठी लिखी है. इसमें उन्होंने मांग की है कि सीएम केजरीवाल की ओर से प्रस्तावित शराब घोटाले की जांच के दायरे में आने वाले सौरभ भारद्वाज और आतिशी को मंत्री बनाने पर एलजी पुनर्विचार करें. एलजी को लिखी चिट्ठी लिख कर उन्होंने दिल्ली को 'घोटाले की राजधानी' की छवि से बचाने के लिए जांच के दायरे में आए दोनों विधायकों के मंत्री बनाए जाने के प्रस्ताव पर आपत्ति जाहिर की है.
कैलाश गहलोत को लेकर भी साधा निशाना
उन्होंने आप विधायकों और मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के मामलों का हवाला देते हुए कहा कि दिल्ली कैबिनेट के दो पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन और मनीष सिसोदिया जेल में हैं. वर्तमान परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत पर 1000 लो फ्लोर की खरीद और मेंटेनेस से जुड़े टेंडर में 4288 करोड़ के डीटीसी घोटाले में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की शिकायत पर सीबीआई जांच चल रही है. भ्रष्ट शराब नीति में ग्रुप ऑफ मिनिस्टर में भी शामिल कैलाश गहलोत सीबीआई जांच के घेरे में हैं. उन्होंने बताया कि आरटीआई से प्राप्त जानकारी के अनुसार दिल्ली सरकार में मंत्री और 38 विधायकों पर 100 से अधिक मामले लोकपाल कार्यालय में लंबित पड़े हुए हैं.
'जांच के दायरे में आए विधायकों को न बनाया जाए मंत्री'
अनिल चौधरी का कहना है कि दिल्ली सरकार के अधिकांश मंत्रियों पर शराब घोटाले सहित भ्रष्टाचार के संगीन आरोपों की जांच चल रही है. उसके बावजूद मुख्यमंत्री ने ग्रेटर कैलाश से विधायक सौरभ भारद्वाज और कालकाजी से विधायिका अतिशी जैसों को मंत्री बनाने का अनुमोदन उपराज्यपाल के पास भेजा हैं, जिनके दामन पर भी भ्रष्टाचार के छींटे हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का मानना है कि दिल्ली के हित में भ्रष्ट और दागदार छवि वालों को मंत्री पद न दिया जाए, क्योंकि यह मंत्री पद पर रहते हुए भ्रष्टाचार को अधिक बढ़ावा देंगे.
दिल्ली को नशे-घोटाले की राजधानी बनाने का लगाया आरोप
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि लगभग 10 सालों में दिल्ली सरकार को भ्रष्ट बनाने में अरविंद केजरीवाल की पूरी कैबिनेट सक्रिय रही है. केजरीवाल ने दिल्ली को 'नशे की राजधानी' बनाया और शराब घोटाले की जांच के बाद ये 'घोटाले की राजधानी' बनती जा रही है. उन्होंने कहा कि एलजी हस्तक्षेप करके दिल्ली सरकार के भ्रष्टाचार पर लगाम लगाते हुए कार्रवाई करें, जिससे दिल्ली की छवि धूमिल न हो.
अनिल चौधरी ने किसे बताया शराब घोटाले का मास्टरमाइंड?
अनिल चौधरी ने कहा कि दिल्ली की जनता में चर्चा है कि शराब घोटाले का मास्टरमाइंड सीएम केजरीवाल है. वहीं आबकारी विभाग के मंत्री रहे मनीष सीसोदिया तक कार्टेल बनाने और कुछ लोगों को दिल्ली के बाजार पर कब्जा स्थापित करवाने को लेकर शराब कारोबारियों को उपलब्ध करवाने के लिए सौरभ भारद्वाज और अतिशी पर अपने राजनीतिक संबंधों का उपयोग करके अपने रिश्तेदारों को भी लाभ पहुंचाने जैसे गंभीर आरोपों की जांच भी इन दोनों पर चल रही है.
शराब घोटाले के आरोपी सौरभ भारद्वाज के दोस्त- अनिल चौधरी
उन्होंने बताया कि केजरीवाल सरकार की ओर से नई आबकारी नीति, जिसे वापस लिया गया, उसके तहत जोन नंबर 19 और 29 में ठेका यूनिवर्सल डिस्ट्रीब्यूटर को दिया गया था. उसके पार्टनर करमजीत सिंह लांबा, आम आदमी पार्टी के चितरंजन पार्क वार्ड 2017 निगम चुनावों के पार्षद उम्मीदवार थे, जो ग्रेटर कैलाश विधानसभा के अंतर्गत आता है. आगे उन्होंने कहा कि अमनदीप ढाल जो सीबीआई की एफआईआर में आरोपी नंबर-7 के रूप में शामिल हैं, उनके सौरभ भारद्वाज का मित्र होने की बात सामने आई है. पंजाब में जो नई शराब नीति बनी उसमें भी अधिकांश ठेके Brindco समूह को मिले हैं. दिल्ली सरकार ने शराब कारोबारियों के जो 144 करोड़ रुपये माफ किए, उनमें से 46 फीसदी यानी 66 करोड़ रुपया इसी कंपनी यूनिवर्सल ट्रेडर्स का है.
जानिए दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष ने और क्या कहा?
कांग्रेस के शासन काल का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि उस दौरान दिल्ली की छवि विश्व और देश में फ्लाईओवर, मेट्रो के साथ-साथ विकसित राजधानी के रूप में दिखती थी, जो आज ‘नशे और घोटाले की राजधानी’ की छवि बन रही है. उन्होंने कहा कि ऐसे विधायक जो पहले से जांच के दायरे में हैं और आने वाले दिनों में गिरफ्तार हो सकते हैं, उन्हें मंत्री पद नहीं दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल, मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से संदिग्ध विधायकों को नए मंत्री बनाने के प्रस्ताव पर पुनर्विचार करें और समय रहते भ्रष्टाचार में संलिप्त मंत्री पद के प्रस्तावित विधायकों पर कार्रवाई के लिए आदेशित करें.