Delhi Congress Nyay Yatra: दिल्ली में बीते 8 नवंबर को शुरू हुई कांग्रेस की न्याय 7 दिसंबर 2024 को समाप्त हो गई. दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव के नेतृत्व में यह यात्रा पूरे एक महीने तक चली. इस दौरान न्याय यात्रा दिल्ली की सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों से गुजरी. यात्रा में पार्टी कार्यकर्ताओं की सक्रियता भी दिखाई दी, लेकिन 30 दिनों की इस यात्रा में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व का किसी भी दिन शामिल न होना सबको खल गया है.
दिल्ली न्याय यात्रा समाप्त होने के बाद चर्चा यह है कि आखिर इस यात्रा में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व में शामिल कोई भी व्यक्ति इसका हिस्सा क्यों नहीं बना? खासकर गांधी परिवार का सदस्य. दिल्ली न्याय यात्रा में न तो सोनिया गांधी, न ही राहुल गांधी और न ही प्रियंका गांधी शामिल हुईं. जबकि यात्रा शुरू होने से पहले दिल्ली कांग्रेस के नेताओं ने कहा था कि इसमें राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी शामिल होंगे.
यहां तक दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और एआईसीसी में जगह पाने वाले अजय माकन और अलका लांबा भी ज्यादा सक्रिय नहीं दिखाई दीं. जबकि देवेंद्र यादव ने इस यात्रा की शुरुआत दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले पूरे उत्साह से की थी. इसका मकसद दिल्ली में कांग्रेस खोए जनाधार को फिर से हासिल करना था.
इसके बाजवूद कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व का इसमें शामिल न होने चौंकाने वाला है. जबकि यह तय हो चुका है कि इंडिया गठबंधन में शामिल आम आदमी पार्टी और कांगेस पार्टी दिल्ली विधानसभा का चुनाव सभी सीटों पर अलग-अलग लड़ेंगे. दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल साफ कर चुके हैं कि वो कांग्रेस या किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं करेंगे. हाल ही में संपन्न अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने भी यह फैसला लिया था कि देश की सबसे पुरानी पार्टी दिल्ली में अकेले दम पर सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
यात्रा में इसलिए शामिल नहीं हो पाए राहुल गांधी
दिल्ली कांग्रेस के प्रवक्ता अनुज आत्रे का एबीपी की ओर से यह पूछे जाने पर कि आखिर इसमें राहुल गांधी क्यों शामिल नहीं हुए? इसके जवाब में उन्होंने कहा, "वो पहले हरियाणा और उसके बाद महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में व्यस्त रहे. उसके तत्काल संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने की वजह से उनका न्याय यात्रा में शामिल होना संभव नहीं हो पाया." यही वजह है कि न्याय यात्रा पहले से निर्धारित होने के बावजूद वो इसमें शामिल नहीं हो पाए.
इसके अलावा, उन्होंने कहा कि ये बात सही है कि राहुल गांधी इसमें शामिल होते तो और अच्छा होता, लेकिन विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर उन्होंने संगठन के नेताओं साफ कह रखा है कि पूरी तैयारी के साथ चुनाव लड़ेंगे. दिल्ली इकाई कांग्रेस को उनका सहयोग हर स्तर पर मिलता रहेगा.
बता दें कि दिल्ली न्याय यात्रा का आयोजन राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' और 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' की तर्ज पर किया गया. दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने आठ नवंबर 2024 को राजघाट से इस यात्रा की शुरुआत की थी.
11 साल का टूटेगा वनवास
वहीं, दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने न्याय यात्रा के अंतिम दिन कहा कि जिस तरह से दिल्ली विश्वविद्यालय चुनाव में 7 साल का वनवास पार्टी ने तोड़ा है, उसी तरह कांग्रेस दिल्ली की जनता के सहयोग और कांग्रेस कार्यकर्ताओं की मेहनत से 11 वर्षों के वनवास को तोड़ने का काम करेगी. उन्होंने कहा कि न्याय यात्रा जिस विधानसभा में गई वहां के हर छोटे बड़े नेता और कार्यकर्ता ने यात्रा में शामिल होकर अपना कर्तव्य निभाया है. दिल्ली का छोटे से छोटा कार्यकर्ता और समर्थन दिल्ली न्याय यात्रा से अछूता नहीं रहा. इसका लाभ पार्टी को विधानसभा चुनाव में मिलेगा. फरवरी 2025 में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव में कांग्रेस निश्चित रूप से वापसी करेगी.
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