Delhi News: दिल्ली में अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने के लिए लाए गए केंद्र अध्यादेश को राजसभा में पारित होने से रोकने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तमाम विपक्षी दलों को एकजुट करने में लगे हैं. उनकी इस मुहिम को कई दलों का समर्थन भी मिल रहा है, लेकिन दिल्ली के सीएम के इस प्रयास को कांग्रेस पार्टी ने बड़ा झटका दिया है. पूर्व कांग्रेस सांसद संदीप दीक्षित ने केंद्र के अध्यादेश का समर्थन करते हुए सीएम केजरीवाल को महाझूठा बताया है.


दिल्ली कांग्रेस के नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि अरविंद केजरीवाल केंद्र के अध्यादेश को लेकर विपक्षी पार्टियों के नेताओं को गुमराह कर रहे हैं. मैं आश्चर्यचकित हूं कि बड़े-बड़े नेता, केंद्र शासित प्रदेश और राज्य का मतलब ही नहीं समझ रहें है. संविधान में केंद्रशासित प्रदेश को वो अधिकार नहीं मिले हैं, जो राज्यों को हासिल है. इसके बाद भी कई विपक्षी दल केजरीवाल के झूठ में आकर समर्थन की बात कह रहें हैं.


सर्विसेज को अपने पास रखने के लिए केंद्र बनाए अलग से कानून


संदीप दीक्षित ने कहा कि जो व्यवस्था आज दिल्ली में है, उसका मैं समर्थन करता हूं. सुप्रीम कोर्ट ने भी केंद्र से कहा कि आपको यहां की सर्विसेज को अपने पास रखना है तो कानून बनाकर ऐसा कर लीजिए. केंद्र ने वही किया. इससे आगे कांग्रेस नेता ने कहा कि जितने भी विपक्ष के नेता दिल्ली के सीएम के साथ हैं, उनसे आग्रहपूर्वक कहता हूं कि दिल्ली और राज्यों जैसी नहीं है. दिल्ली के सीएम विपक्षी दलों के नेताओं से मिलकर झूठ फैला रहे हैं. वो गलत कह रहे हैं कि छत्तीसगढ़ और राजस्थान की तरह दिल्ली के लिए अधिकार ले लेंगे.


एसीबी न रहने पर सीएम 10 साल के लिए जा सकते हैं जेल


दिल्ली कांग्रेस नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस बात से वाकिफ हैं कि अगर उनके पास सतर्कता विभाग का नियंत्रण नहीं रहा तो उन्हें कम से कम 8 से 10 साल के लिए जेल भेज दिया जाएगा. केंद्र ने अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग पर 11 मई को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के आठ दिन बाद अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलट दिया. यही वजह है कि राजधानी के सीएम अध्यादेश के खिलाफ विरोधी दलों को एकजुट करने की मुहिम में जुटे हैं. 


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