Delhi News: सीएम अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा दिल्ली नगर निगम (MCD) कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन में वृद्धि के फैसले को लेकर दिल्ली कांग्रेस के नेताओं ने निशाना साधा है. इस मसले पर भारतीय जनता पार्टी के बाद कांग्रेस पार्टी के नेताओं का बयान सामने आया है. दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने तंजिया लहजे में कहा है कि दिल्ली सरकार द्वारा वेतन बढ़ाने की घोषणा कहीं अस्थाई और अनुबंधित कर्मचारियों, आंगनबाड़ी वर्कर और गेस्ट टीचरों को नियमित करने के वादे की तरह जुमला साबित न हो. 


अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि दिल्ली के सीएम ने 1 नवंबर को दिल्ली नगर निगम के 5000 सफाई कर्मचारियों को पक्का करने की घोषणा की थी. इस मामले में अभी तक आगे की कोई कार्यवाही नही की गई. यह घोषणा भी खोखली साबित हुई, जबकि यह कर्मचारी पिछले एक दशक से भी पहले से स्थाई नौकरी का इंतजार कर रहे हैं.


वेतन में सिर्फ सांकेतिक बढ़ोतरी


कांग्रेस नेता लवली ने कहा कि सरकार ने 1 अप्रैल से वेतन में वृद्धि की घोषणा की है. यह कर्मचारियों के हित की बात है, लेकिन इस पर अमल भी होना चाहिए. उन्होंने कहा कि सदन की बैठक के एजेंडे के मुताबिक, क्लर्क और सुरवाइजर कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन में भी वृद्धि की जाएगी. गैर-मैट्रिक पास कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन 18,499 रुपये से बढ़ाकर 18,993 रुपये, मैट्रिक पास लेकिन स्नातक नहीं होने पर 20,375 रुपये से बढ़ाकर 20,902 रुपये और स्नातक और इससे ऊपर के कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन 22,744 रुपये किया जाएगा. मतलब इन कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता क्रमशः 494 रुपये, 546 रुपये और 598 रुपये प्रति माह बढ़कर मिलेगा. अहम यह है कि सरकार के इस फैसले को सदन में मंजूरी मिलने के बाद ही कर्मचारियों को महंगाई भत्ते की अदायगी हो पाएगी.


अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि दिल्ली नगर निगम 15 वर्ष से भी अधिक समय से भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है और आम आदमी पार्टी के निगम सत्ता में आने के बाद कोई खास बदलाव नहीं आया है. उन्होंने कहा कि नगर निगम कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोत्तरी ऊंट के मुंह में जीरे की तरह है.


10% वेतन में बढ़ोतरी की मांग 


दिल्ली कांग्रेस नेता जितेंद्र कुमार कोचर ने कहा कि दिल्ली सरकार दिल्ली नगर निगम के अकुशल, अर्द्ध कुशल और कुशल श्रमिकों का वेतन वृद्धि करके अपनी पीठ थपथपा रही है, लेकिन मात्र 500 रुपये मासिक की वृद्धि बहुत ही कम है. उन्होंने कहा कि इन कर्मचारियों की कम से कम 10 प्रतिशत की वृद्धि होनी चाहिए क्योंकि महंगाई पर नियंत्रण करने में विफल दिल्ली सरकार को महंगाई का आंकलन करके न्यूनतम वेतन में वृद्धि करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि वर्तमान में निगम कर्मचारियों की आर्थिक रुप से बदहाल स्थिति में हैं न तो उनको कोई पेंशन मिल रही है और न ही कोई अन्य सुविधाएं मिल रही हैं. यही नहीं कांग्रेस द्वारा निगम कर्मियों के वेतन में उचित बढ़ोत्तरी की मांग भी की गई. उन्होंने कहा कि निगम द्वारा कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि तर्कसंगत नही है.


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