Farmers Protest News: किसानों के दिल्ली चलो मार्च पर कांग्रेस नेता डॉ. उदित राज की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा कि मैं किसानों को सलाम करता हूं जब लोकतंत्र खतरे में है तो न केवल अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं बल्कि लोकतंत्र को जिंदा रखने के लिए एक प्रेरणा, एक आशा है ताकि भारत में दूसरी वर्ग के लोग भी जगे. मजदूर और कमेरा वर्ग है छोटा व्यापारी देश में इस समय सबसे ज्यादा प्रभावित है छोटी-छोटी इंडस्ट्रीज बंद होती जा रही है. उनकी (किसानों) मांगें जायज हैं प्रधानमंत्री ने उनकी मांगों को कबूला था.


उदित राज ने आगे कहा कि आश्चर्य की बात है कि पीएम जैसे स्तर का व्यक्ति इतना झूठ बोल सकता है, अपनी बात से पलट सकता है. ऐसे में किसान मजबूर है क्या करें. किसानों को शंभू बॉर्डर पर रोक दिया गया है तो क्या वार्तालाप करने के लिए कराची जाएंगे या वाशिंगटन जाएंगे, अपने देश की राजधानी में ही तो आएंगे. अपने देश की राजधानी में आने से रोका जा रहा है यह भी अपने आप में अलोकतांत्रिक है.


उन्होंने कहा कि देश की सरकार दिल्ली में तो वो (किसान) वहां अपनी बात को सुनाना चाहते हैं और दिल्ली से ही उनकी समस्या का समाधान है तो मैं उनके पक्ष में हूं और उनकी मांगो का समर्थन करता हूं.



‘किसान वर्ग का वोट कटने से इनको फर्क नहीं पड़ता’
वहीं एक अन्य सवाल के जवाब में उदित राज ने कहा कि किसानों का अपना दायरा बढ़ना चाहिए. पंजाब की सरकार जब से बनी उसी दिन से धरना प्रदर्शन चालू हो गया. इतनी निराशा मैंने कभी नहीं देखी कि सरकार बने और दूसरे दिन ही वहां की जनता सड़कों पर बैठ जाए. किसान वर्ग एक ही तबका है अगर वो वोट कटता भी है तो इनको फर्क नहीं पड़ता. उनको दलितों को अपने साथ जोड़ना चाहिए. देश के अल्पसंख्यकों के साथ भी अन्याय हो रहा है ऐसी बातों को उठाकर एक बड़ा मंच तैयार करना चाहिए. जो पहले करते हैं उस रणनीति में परिवर्तन करना चाहिए.


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