Delhi Assembly Elections: दिल्ली में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर जहां एक ओर राजनीतिक पार्टियों द्वारा एक दूसरे पर निशाना साधने का सिलसिला जारी है वहीं दूसरी ओर पार्टी की ओर से अपने-अपने उम्मीदवारों की घोषणा की जा रही है. इस बीच दिल्ली कांग्रेस से एक बड़ी खबर सामने आई है.


कांग्रेस ने दिल्ली की 47 सीटों पर उम्मीदवारों का एलान कर दिया है. इनमें से तीन मुस्लिम बहुल सीटों पर पार्टी ने अपने नेताओं को मौका देने की बजाय आम आदमी पार्टी से आए नेताओं को टिकट दी है. इससे नाराज अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश अध्यक्ष ने मोर्चा खोल दिया है और गुरुवार को पार्टी मुख्यालय पर प्रदर्शन की तैयारी की जा रही है.


कांग्रेस ने सीलमपुर से अब्दुल रहमान, बाबरपुर से हाजी इशराक खान और मटिया महल सीट से आसिम अहमद खान को टिकट दिया है. अब्दुल रहमान 2020 और इशराक खान 2015 में आम आदमी पार्टी की टिकट पर सीलमपुर से विधायक चुने गए. आसिम अहमद खान भी 2015 में मटिया महल से आम आदमी पार्टी की टिकट पर चुनाव जीते और बाद में केजरीवाल सरकार में मंत्री भी बने. इनके अलावा कांग्रेस ने बिजवासन से आम आदमी पार्टी के पूर्व विधायक देवेंद्र सहरावत को टिकट दिया है. 


उपेक्षा से दिल्ली कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के नेता नाराज


मुस्लिम बहुल सीटों पर बाहरी नेताओं को टिकट और अपनी उपेक्षा से दिल्ली कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के नेता नाराज हैं. विभाग के प्रदेश अध्यक्ष अब्दुल वाहिद कुरैशी ने प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बुधवार शाम कांग्रेस के मुस्लिम नेताओं ने अल्पसंख्यक विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष इमरान प्रतापगढ़ी के सामने अपनी शिकायत रखी.कांग्रेस मुख्यालय पर गुरुवार को प्रदर्शन की तैयारी की जा रही है.


दिल्ली में वापसी के लिए कांग्रेस मुख्य रूप से मुस्लिम वोटों के भरोसे है. उसका मुकाबला आम आदमी पार्टी से है. एआईएमआईएम के मैदान में आने और अब अपने नेताओं की नाराजगी कहीं कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा सकती है.


इसे भी पढ़ें: 'प्रवेश वर्मा के घर पर हो ED-CBI की रेड', दिल्ली कैश कांड मामले में संजय सिंह ने उठाई मांग