Delhi News: दिल्ली नगर निगम के एकीकरण के बाद वार्डों के परिसीमन को लेकर फाइनल ड्राफ्ट जारी कर दिया गया है. केंद्र सरकार ने इसको लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है, जिसके बाद निगम में कुल वार्डों की संख्या 272 से घटकर 250 हो गई है. वार्डों के परिसीमन के बाद दिल्ली में निगम चुनाव कराए जाने को लेकर जल्द ही घोषणा हो सकती है लेकिन इसी बीच कांग्रेस ने दिल्ली नगर निगम के वार्डों के परिसीमन ड्राफ्ट को लेकर सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस का कहना है कि इस ड्राफ्ट में कई खामियां हैं और बीजेपी और आम आदमी पार्टी ने मिलीभगत कर यह ड्राफ्ट तैयार किया है.


लोकतांत्रिक मूल्यों को ताक पर रख कर बनाई गई परिसीमन रिपोर्ट
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार का कहना है कि मूल अवधारणा और किए गए वायदों से अलग लोकतांत्रिक मूल्यों को ताक पर रखकर परिसीमन रिपोर्ट बनाई गई है, जिसमें वार्डों में जनसंख्या समीकरण का उल्लंघन, दलित और अल्पसंख्यक समुदाय को अलग-थलग करके नियमों की पूरी तरह से अवहेलना की गई है, जिसके खिलाफ दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी और दलितों, अल्पसंख्यकों के अधिकारों और वार्डों में जनसंख्या फार्मूले का जो दुरुपयोग हुआ है उसके खिलाफ याचिका दायर करेगी.


बीजेपी को फायदा पहुंचाने वाली है परिसीमन रिपोर्ट
चौधरी अनिल कुमार ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि परिसीमन रिपोर्ट को जब ड्राफ्ट रिपोर्ट की तरह जस का तस ही बनाकर पब्लिक के सामने लाना था तो फिर दिल्ली की जनता से सुझाव और शिकायतें मांग कर चुनाव आयोग ने गुमराह क्यों किया. उन्होंने कहा कि दिल्ली कांग्रेस ने ड्राफ्ट परिसीमन की गहन समीक्षा करके चुनाव आयोग के समक्ष 168 शिकायत/सुझाव जमा किए थे, परंतु चुनाव आयोग ने उन पर कोई विचार न करके सभी गृह मंत्रालय को भेज दिए और बीजेपी को फायदा पहुंचाने वाली परिसीमन रिपोर्ट का नोटिफिकेशन जारी कर दिया. 


प्रदेश अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि परिसीमन रिपोर्ट पूरी तरह बीजेपी और आम आदमी पार्टी की रिपोर्ट है न कि चुनाव आयोग की रिपोर्ट. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने निगम चुनाव टालने के लिए जिस मंशा से परिसीमन की कार्यवाही की थी परिसीमन रिपोर्ट जारी होने के बाद वह पूरी हो गई है, जबकि 15 सालों के शासन में बीजेपी हर मोर्चे पर विफल रही. चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि परिसीमन में 22 वार्ड कम किए हैं उसके लिए सभी 70 विधानसभाओं का स्वरुप बदलना किसी न किसी साजिश के तहत किया गया है. परिसीमन की फाइनल रिपोर्ट में प्रति वार्ड जनसंख्या 65,675 तथा (10% +/-) से कम या अधिक की तर्ज पर सिर्फ 140 वार्ड ही रखे गए हैं. 23 वार्ड परिसीमन रिपोर्ट में ऐसे हैं जिनकी जनसंख्या 80 हजार से भी अधिक है, जबकि ड्राफ्ट परिसीमन में इन वार्डों की संख्या 32 थी.



उनका कहना है परिसीमन की फाइनल रिपोर्ट में फार्मूले के खिलाफ सबसे कम जनसंख्या वाला मुंडका विधानसभा का कंज्ञावला वार्ड 40,467 का है जबकि सबसे अधिक जनसंख्या वाला त्रिलोक पुरी विधानसभा का वार्ड मयूर विहार फेस-1 वार्ड 88,878 का है. उन्होंने कहा कि दिल्ली कांग्रेस ने वार्डों में जनसंख्या के भारी असामनता के खिलाफ परिसीमन ड्राफ्ट पर भी सवाल खड़े किए थे, परंतु स्थिति में कोई बदलाव नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि दलित बहुल जनसंख्या वाली  त्रिलोकपुरी, कोंडली, मंगोलपुरी, सीमापुरी आदि विधानसभाओं में वार्डों की संख्या 4 होनी चाहिए थी जबकि दलित समुदाय की आवाज को दबाने के लिए 3-3 वार्ड किए गए.


रिपोर्ट में खामियों को लेकर हाईकोर्ट जाएगी कांग्रेस


इसके उलट बीजेपी और आम आदमी पार्टी के विधायक वाले कम जनसंख्या वाली विश्वास नगर और पटपड़गंज विधानसभा में एक-एक वार्ड बढ़ाकर 4-4 वार्ड कर दिए गए हैं. इसी प्रकार अल्पसंख्यक बहुल समुदाय की विधानसभाओं मुस्तफाबाद, सीलमपुर, बाबरपुर, ओखला आदि विधानसभाओं में अल्संख्यक समुदाय को अलग-थलग किया गया है. इन सब खामियों को लेकर दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाए जाने की बात कही है. उनका कहना है कि हम इसके खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट जाएंगे, जिसको लेकर हमारी टीम काम कर रही है. वहीं  कांग्रेस द्वारा परिसीमन ड्राफ्ट को लेकर उठाए गए सवालों पर बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस से दिल्ली नगर निगम चुनाव टालना चाहती है. दिल्ली बीजेपी के नेता हरीश खुराना का कहना है कि कांग्रेस केवल निगम चुनाव टालने के लिए इस तरीके के बहाने सामने ला रही है.


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