Delhi: इस वजह से बारापुला एलिवेटेड कॉरिडोर के निर्माण में हुई देरी, अब 2024 तक...
Barapula Elevated Corridor: साल 2014 में शिलान्यास होने के बाद बारापुला एलिवेटेड कॉरिडोर परियोजना 2017 तक पूरा कर लेने के लक्ष्य रखा गया था. अब यह 2024 तक पूरा होगा.
Delhi News: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद के साथ-साथ दक्षिणी दिल्ली से पूर्वी दिल्ली के बीच आवाजाही सुगम करने के लिए बनाए जा रहे दिल्ली के सबसे लंबे बारापुला एलिवेटेड कॉरिडोर की शुरुआत का लोग लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं, लेकिन यह परियोजना किसी न किसी कारण से लगातार विलंबित होती जा रही है. वर्तमान में चल रहे इसके फेज-3 के काम की अब अगले साल तक ही पूरा हो पाने की संभावना है. इस परियोजना पर काम केसे होगा पूरा यहां से जानें पूरी जानकारी.
किसानों के विरोध से रुका काम
साल 2014 में शिलान्यास होने के बाद बारापुला एलिवेटेड कॉरिडोर परियोजना 2017 तक पूरा कर लेने के लक्ष्य के साथ इसकी शुरुआत हुई थी. इसे लार्सन एंड टुब्रो कंपनी द्वारा बनाया जा रहा है, लेकिन कंपनी तय समय पर इस काम को पूरा नहीं कर पाई. इस परियोजना की शुरुआत के बाद, जो अड़चन सबसे पहले आई वह यह थी कि लोक निर्माण विभाग (PWD) ने कंपनी को जिस जमीन पर काम करने के लिए निर्देशित किया था, उनमें काफी जमीन किसानों की थी, जिस कारण किसानों ने निर्माण कार्य को रुकवा दिया था. मामला कोर्ट में पहुंचा जहां जमीन किसानों की निकली. इस वजह से काफी समय बर्बाद हो गया. किसानों के विरोध और अदालती लड़ाई के कारण पौने 900 करोड़ वाली इस परियोजना की लागत भी ज्यादा हो गई. निर्माण कर रही कंपनी ने PWD पर अतिरिक्त 400 करोड़ का दावा किया है. जबकि PWD कम्पनी के दावे को सिरे से नकार रही है, जिसके बाद यह मामला भी कोर्ट में चला गया है.
जांच रिपोर्ट में इंजीनियरों को दी क्लीन चिट
दरअसल, कई मौकों पर इस परियोजना का काम बाधित हुआ. इस परियोजना पर काम लगातार विलंबित होती चली आ रही है. इसे लेकर PWD ने जांच के भी निर्देश दिए थे. विभाग के प्रधान सचिव एन अम्बरासु ने देरी में जांच के लिए इंजीनियर इन चीफ से परियोजना में हो रही देरी की वजह से जनता को हो रही परेशानी के लिए जिम्मेदार और बरती गई लापरवाही से संबंधित रिपोर्ट मांगी थी. विभागीय स्तर पर भेजी गई रिपोर्ट में इंजीनियर इन चीफ ने कहा कि किसानों की भूमि समय पर नहीं मिलने, सर्दियों में प्रदूषण के कारण निर्माण कार्य पर रोक और जुलाई में आई बाढ़ के कारण इस परियोजना में देरी हुई है. इस रिपोर्ट में परियोजना में देरी के लिए इंजीनियरों को दोषी नहीं माना गया है.
निर्माण के बाद 9.5 केएम का स्ट्रेच हो जाएगा सिग्नल फ्री
बता दें कि इस परियोजना के तहत मयूर विहार फेज-1 से सराय काले खां तक साढ़े 3 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर बनाया जा रहा है. इसके पूरा हो जाने के बाद मयूर विहार फेज-1 से एम्स तक साढ़े 9 किलोमीटर का कॉरिडोर सिग्नल फ्री हो जाएगा, जिससे पूर्वी दिल्ली से दक्षिणी दिल्ली और IGI एयरपोर्ट तक आवाजाही आसान हो जाएगी. यह कॉरिडोर 8 लेन का है, जिसकी चौड़ाई 35 मीटर है.
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