Charkhi Dadri Plane Crash: कुन्नूर हेलिकॉप्टर हादसे ने कुरेदा भारत के सबसे बड़े हवाई हादसे का जख्म
Charkhi Dadri Plane Crash: 12 नवंबर 1996 को इस हादस में 349 लोगों की मौत हो गई थी. मरने वालों में अमेरिकी और ब्रितानी नागरिक शामिल थे. इसे दुनिया में हुए सबसे बड़े हादसों में से एक माना जाता है.
देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत बुधवार को तमिलनाडु के कुन्नूर के पास हुए एक हेलिकॉप्टर हादसे में झुलस गए. इस हादसे में उनकी पत्नी मधुलिका रावत के अलावा सेना के कुछ अधिकारी भी घायल हुए हैं. यह हादसा तमिलनाडु और केरल के बीच फैले नीलगिरी के जंगल में हुआ. इस हादसे ने देश में अब तक हुए हवाई हादसों की याद दिला दी. ऐसा ही एक हवाई हादसा हुआ था हरियाणा के चरखी-दादरी में 12 नवंबर 1996 को हुआ था. इस हादसे में 349 लोगों की मौत हो गई थी. इसे दुनिया में हुए सबसे बड़े हादसों में से एक माना जाता है.
आसमान में टकराए विमान
दरअसल हरियाणा का चरखी दादरी के टिकाण कलां गांव के ऊपर आसमान में दो विमान आपसे में टकरा गए थे. इनमें से मालवाहक और दूसरा यात्री विमान था. दुर्घटना का शिकार हुआ एक विमान का मलवा टिकाण कलां गांव में और दूसरे का मलवा बिरोहड़ गांव के खेतों में गिरा था.
यह हादसा 12 नवंबर 1996 की शाम साढ़े 6 बजे हुआ था. सऊदी अरेबिया एयरलाइंस और कजाकिस्तान एयरलाइंस के दो हवाई जहाज आसमान में टकरा गए थे. सऊदी अरब एयरलाइंस का यात्री विमान बोइंग 763 चालक दल के 23 सदस्यों और 289 यात्रियों के साथ दिल्ली से उड़ान भरी थी. वहीं कजाकिस्तान एयरलाइंस के मालवाहक विमान 1907 में चालक दल के 12 सदस्य और 25 अन्य लोग सवार थे. उसे दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरना था. यात्री विमान ने राजधानी दिल्ली से उड़ान भरी थी और सऊदी अरब जा रहा था. दिल्ली में उतरने वाला विमान कजाकिस्तान से आ रहा था.
शव रखने के लिए अस्पताल पड़ गया छोटा
ये दोनों विमान आपस में ही आसमान में टकरा गए थे. इस हादसे में 231 भारतीय, 18 सऊदी, 9 नेपाली, 3 पाकिस्तानी, 2 अमेरिकी और 2 ब्रिटिश नागरिकों की मौत हो गई थी. वहीं इस हादसे में मारे गए 84 लोगों की पहचान नहीं हो पाई थी. इस हादसे के बाद उस समय के प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा और मुख्यमंत्री बंसीलाल ने घटनास्थल का दौरा किया था.
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यह हादसा कितना बड़ा था, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि शवों को रखने के लिए चरखी-दादरी का अस्पताल छोटा पड़ गया था. दादरी के जिला प्रशासन ने इस हादसे में मारे गए लोगों की याद में एक स्मारक बनाने की योजना बनाई है. यह स्मारक टिकाण गांव में बनाया जाना है.