Covid Infection: सावधान! कोरोना होने के बाद फिर तुरंत हो सकता है संक्रमण, जानिए क्यों दोबारा होता है संक्रमण
इंसान के शरीर में नेचुरल इंजेक्शन यानी किसी बीमारी से लड़ने की खुद की इम्यूनिटी सबसे अच्छा काम करती है. उन्होंने कहा कि वैक्सीन से 2,700 गुना ज्यादा इम्यूनिटी नेचुरल इन्फेक्शन बनाता है.
Covid Infection: आपने अब तक सुना होगा कि अगर किसी को एक बार कोरोना होता है तो उसके दोबारा संक्रमित होने में वक्त लगता है. संक्रमित के शरीर मे लड़ने के लिए एंटीबाडी बन जाते है और उसे कोरोना से लड़ने में मदद करते है, लेकिन क्या आपको पता है कि आपको कोरोना होकर तुरंत फिर कोरोना हो सकता है. दुनिया भर के तमाम देशों में लगभग लाखों लोग इससे संक्रमित हो चुके है और अब भी हो रहे हैं. विशेषज्ञों की माने तो कोरोना के बाद शरीर में एंटीबॉडीज तो बन जाती है लेकिन इसके तुरंत बाद भी कोरोना फिर से हो सकता है. कोरोना संक्रमण फिर से कैसे होता है चलिए आपको बताते हैं.
इस वजह से बार बार हो सकता है कोरोना
दोबारा संक्रमित होने की वजह बताते हुए एम्स के टीकाकरण इंचार्ज डॉक्टर संजय रॉय ने बताया कि ओमिक्रॉन से पहले कोरोना दोबारा होने का रिस्क काफी कम हुआ करता था. उन्होंने बताया की इसका उदाहरण इससे देखा जा सकता है की 2020 में जब भारत में भी लोग कोरोना से संक्रमित होना शुरू हुए थे तब धारावी और ऐसे कई स्लम एरिया थे जहां से रोजाना बड़ी संख्या में कोरोना पॉजीटिव मरीज सामने आ रहे थे लेकिन अब वहां की खबरे भी सामने नहीं आ रही, क्योंकि कोरोना के अब तक के सभी वेरियंट काफी खतरनाक थे जो एक बार हो जाते है तो शरीर में लंबे समय तक उससे लड़ने की इम्यूनिटी पैदा हो जाती है. मगर ओमिक्रॉन समान्य कोल्ड फ्लू जैसा है. ज्यादातर मामलों में ऐसे में ये शरीर में एंटीबॉडी बना ही नहीं पाता इसकी वजह से एक इंसान को बार बार कोरोना हो सकता है.
नेचुरल इम्यूनिटी ही बचाती है पहले
डॉक्टर संजय राय ने बताया की इंसान के शरीर में नेचुरल इंजेक्शन यानी किसी बीमारी से लड़ने की खुद की इम्यूनिटी सबसे अच्छा काम करती है. उन्होंने कहा कि वैक्सीन से 2,700 गुना ज्यादा इम्यूनिटी नेचुरल इन्फेक्शन बनाता है. इसलिए जो पहले नंबर पर आपको कोरोना से बचाता है वो है आपके अंदर बनी हुई नेचुरल इम्यूनिटी ही है. हालांकि वैक्सीन और नेशनल यूनिटी शरीर में एंटीबॉडी तो बनाते हैं और यह संक्रमण की गंभीरता को भी कम करते हैं लेकिन फिर भी ये दोनों भी वायरस को शरीर में घुसने से रोक नहीं सकते. यह वायरस के शरीर में प्रवेश कर जाने के बाद उससे लड़ने में कारगर साबित होते हैं.
2 तरह की होती है इम्यूनिटी
पहली होती है ह्यूमोरल इम्यूनिटी, इस इम्यूनिटी से आपके शरीर में एंटीबॉडी का पता चलता है और दूसरा होता है सेल्यूलर इम्यूनिटी जिसमे इम्यूनिटी मेमरी बना लेता है. अगर आपके शरीर में एंटीबॉडी खत्म भी हो जाते हैं तो ये इम्यूनिटी वायरस से लड़ने में मदद करता है.
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