Delhi Corona Update: राजधानी दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए दिल्ली सरकार कोई लापरवाही नहीं बरतना चाह रही है. इसलिए हॉस्पिटलों को पहले से ही इसके लिए तैयारी के निर्देश दे दिए गए हैं. इस बीच अस्पतालों में कोरोना को लेकर मॉक ड्रिल भी आयोजित किए जा रहे हैं. जिससे कोरोना भयावह स्तर पर न पहुंचे और लोगों को समुचित उपचार मिल सके. इसके लिए स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bhardwaj) खुद ही अस्पतालों की तैयारियों का जायजा ले रहे हैं. इसी कड़ी में स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज अचानक ही राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे. जहां उन्होंने कोविड की तैयारियों को लेकर की जा रही मॉक ड्रिल का भी जायजा लिया.
इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पताल में कोविड वॉर्ड, ओपीडी, दवा स्टोर और सेंट्रल स्टोर का भी दौरा किया. उन्होंने इलाज करा रहे मरीजों से बातचीत कर उनसे अस्पताल की व्यवस्थाओं को लेकर उनका फीडबैक भी लिया. स्वास्थ्य मंत्री ने निर्देश दिया कि अस्पताल प्रशासन यह सुनिश्चित करे कि इलाज के लिए आने वाले लोगों को अच्छा इलाज मिले. अस्पताल की डिस्पेंसरी में मरीजों के लिए सभी जरूरी दवाएं उपलब्ध हो. साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि अस्पताल के ड्रग स्टोर में रखी दवाओं की एक्सपायरी डेट नजदीक तो नहीं है. जिससे समय रहते नई दवाएं खरीदी जा सकें. निरक्षण के दौरान दवा काउंटर और ओपीडी काउंटर पर ज्यादा भीड़ दिखी जिसे देखते हुए जल्द से जल्द इसकी संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए गए, ताकि लोगों को सुगम इलाज के साथ बिना परेशानी के दवाईयां मिल सके.
ओपीडी काउंटर बढ़ाने का दिया निर्देश
मॉक ड्रिल के दौरान मंत्री ने अस्पताल में कोविड से बचाव के लिए बनाए गए आइसोलेशन वॉर्ड का निरीक्षण किया. साथ ही यह सुनिश्चित किया कि अस्पताल में बेड्स, आईसीयू में ऑक्सिजन, वेंटिलेटर की सुविधा उपलब्ध है. अस्पताल में मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए भारद्वाज ने ओपीडी काउंटर और फार्मेसी काउंटरों की संख्या बढ़ाने के लिए भी उचित कदम उठाने के निर्देश दिए. स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अस्पताल में आने वाले हर मरीज को अच्छा इलाज और डिस्पेंसरी से सभी दवाएं मिले यही हमारा लक्ष्य है, इसे सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारा मकसद दिल्ली के हर सरकारी अस्पताल को केवल प्राइवेट अस्पतालों से बेहतर बनाना भर नहीं है, बल्कि दिल्ली के सरकारी अस्पतालों को पूरे देश में सबसे बेहतरीन अस्पतालों में से एक बनाना भी है.