Delhi Corona News: 5 दिन में कोविड से दिल्ली में 46 मौत, 76% दूसरी बीमारियों से थे ग्रसित, जानें कितनों ने लगवाई थी वैक्सीन?
Coronavirus In Delhi: दिल्ली में कोरोना से 5 दिनों में 46 मौते हुई हैं जो साल 2021 के आखिरी पांच महीनों की कुल संख्या के मुकाबले ज्यादा है. 76 फीसदी मृतकों ने कोविड रोधी टीका नहीं लगवाया था.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण (Coronavirus In Delhi) के चलते जनवरी में अब तक 70 लोगों की मौत हो चुकी है. यह संख्या साल 2021 के आखिरी पांच महीनों से ज्यादा है. 5 से 9 जनवरी के दौरान कोविड संक्रमण से मारे गए लोगों में 46 लोग यानी लगभग 74 फीसदी लोग ऐसे थे जो दूसरी बीमारियों से संक्रमित थे. मारे गए लोगों में सिर्फ 24 फीसदी लोग ही वैक्सीनेटेड थे. 5 जनवरी को दिल्ली में 8 लोगों की मौत हुई. वहीं 10 तारीख को यह संख्या 17 तक पहुंच गई. पांच दिन में मारे गए 46 लोगों में 28 पुरुष और 18 महिलाए हैं. इसमें से 25 मरीज- 60 साल या उससे ज्यादा की उम्र के थे. वहीं 14 मरीज 41-60 साल, 5 मरीज 21-40 एज ग्रुप के थे. मारे गए लोगों में 1 मरीज 16-20 साल की उम्र के बीच और 1 पेशेंट 15 साल से भी कम उम्र का था.
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार 46 में से 37 मामलों में ऑक्सीजन सैचुरेशन लेवल 94 फीसदी था. दिल्ली सरकार के आंकड़ों के मुताबिक 21 मरीज, अस्पताल में भर्ती होने के बाद संक्रमण की चपेट में आए. कोविड संक्रमण से मारे गए अधिकतर मरीज 3-7 दिन तक भर्ती रहे वहीं 12 मरीजों की मौत अस्पताल आने वाले दिन ही हो गई. रिपोर्ट के अनुसार 46 में से 34 मरीज दूसरी बीमारियों की चपेट में भी थे. इसके साथ ही मारे गए लोगों में 76 फीसदी ऐसे लोग थे जिन्होंने टीका नहीं लगवाया था.
76 फीसदी ने टीका नहीं लगावाया
कोविड के चलते मारे गए 46 में से 34 मरीज दूसरी बीमारियों से पीड़ित थे. इससे यह स्पष्ट संकेत है कि ऐसे मरीज हाईरिस्क पर हैं. वहीं टीकाकरण ना कराना भी मारे बढ़ती मौतों की वजह मानी जा रही है. अखबार की रिपोर्ट के अनुसार सरकारी सूत्रों ने बताया कि मारे गए लोगों में से 76 फीसदी ने टीका नहीं लगावाया था.
पिछले एक हफ्ते में दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के ट्रॉमा सेंटर में कोविड संक्रमित 12 मरीजों की मौत हुई है. ट्रॉमा सेंटर के एक सीनियर डॉक्टर ने कहा कि मुझे हर केस के बारे में जानकारी तो नहीं है लेकिन यह ट्रेंड इस ओर इशारा कर रहा है कि अन्य बीमारियों का सामना कर रहे लोगों में लक्षण गंभीर हैं. कोविड से मारे गए लोगों में कुछ ऐसे मरीज थे जो दूसरे गंभीर इलाज के लिए अस्पताल आए और जांच में संक्रमित पाए गए.