(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
सावधान! दिल्ली में कोरोना की रफ्तार कम होते ही आर्थिक अपराध की संख्या बढ़ी, जानें क्या कहते हैं आंकड़ें?
Delhi Economic Offences: दिल्ली में साल 2020 के मुकाबले आर्थिक अपराधों के मामले बढ़े हैं. जानिए आंकड़ों में क्या कुछ सामने आया है?
Delhi News: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जैसे ही कोरोना की रफ्तार में कमी आई, आर्थिक अपराध के आंकड़ों में उछाल देखा गया है. साल 2020 की तुलना में इस साल देश की राजधानी दिल्ली में (Delhi) में आर्थिक अपराध के मामले बढ़े हैं. जांचकर्ताओं ने ये दावा भी किया कि जब देश में कोरोना महामारी (Corono) अपने चरम सीमा पर थी, तब आर्थिक अपराध के बहुत कम मामले दर्ज किए गए थे.
कोरोनाकाल में कम हुए थे अपराध
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, इस साल जनवरी से अगस्त तक, दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) के साथ 143 मामले दर्ज किए गए थे. जिसमें से करीब 130 मामले सुलझाए दिए गए हैं और कई अपराधों में शामिल करीब 175 लोगों को पकड़ा भी गया है. वहीं बात करें पिछले साल की तो इस अवधि के दौरान 118 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से 105 का समाधान किया गया और 92 लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
इस साल बढ़े रहे हैं अपराध के मामले
एक अधिकारी ने कहा, "हमने ऐसे मामलों में शामिल सभी सदस्यों को गिरफ्तार करके जालसाजों की श्रृंखला को तोड़ने पर ध्यान केंद्रित किया है." वहीं इस साल में डेटा रियाल्टार से संबंधित धोखाधड़ी के 52 मामले सामने आए, जबकि पिछले साल 31 मामले सामने आए थे. इस साल फर्जी डीडीए लैंड पूलिंग पॉलिसी के नौ मामले सामने आए, जबकि अगस्त 2020 तक ये केवल छह थे. इस साल, व्यापार से संबंधित धोखाधड़ी में कमी आई क्योंकि इसके अभी तक सिर्फ 14 मामले ही सामने आए है. 2020 में ऐसे 17 मामले दर्ज किए गए थे.
लोगों करनी चाहिए पूरी जांच- आरके सिंह
अतिरिक्त आयुक्त (ईओडब्ल्यू) आरके सिंह ने कहा कि लोगों को पैसा निवेश करने से पहले आरबीआई और सेबी की वेबसाइटों पर जांच करनी चाहिए कि, क्या व्यक्ति और फर्म के पास लाइसेंस था और इसके साथ ही लोगों को उन योजनाओं से बचना चाहिए जो कम अवधि में उच्च रिटर्न का वादा करती हैं.
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