Coronavirus Cases in Delhi-NCR: देशभर में कोरोना के मामलों में कमी आने के बाद धीरे-धीरे स्कूल, कॉलेज, ऑफिस खोले जाने लगे. दिल्ली में तो मास्क पहनने पर भी अब कोई पाबंदी नहीं रह गई है. ऐसे में जैसे ही स्कूल खुले वैसे ही दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों में कोरोना संक्रमण के मामले सामने आने लगे हैं. 11 अप्रैल को नोएडा (Noida) के सेक्टर 40 के खैतान पब्लिक स्कूल (Khaitan Public School) में एक साथ कोरोना के 16 मामले सामने आए जिसमें से 13 बच्चे और 3 टीचर संक्रमित थे. इतने सारे मामलों को देखते हुए स्कूल मैनेजमेंट ने फिलहाल स्कूल को बंद कर दिया है और स्कूल ऑनलाइन मोड पर चलाया जाएगा. बात सिर्फ नोएडा की ही नहीं बल्कि गाजियाबाद (Ghaziabad) की भी करें तो वहां भी 2 स्कूलों में पॉजिटिव केस मिलने के बाद स्कूल बंद किए जा चुके हैं. इस बीच देश में कोरोना के नए वेरिएंट XE ने भी अपना कदम रख दिया है.
बच्चों के लिए कितना खतरा
अगर बात बच्चों की करें तो देश में 12 से 15 साल के बच्चों का टीकाकरण भी अब शुरू हो गया है. इससे पहले 15 से 18 साल के बच्चों के टीकाकरण की शुरुआत हुई थी, लेकिन अब 12 से 15 साल के बच्चों को भी कोविड-19 का टीका लगना शुरू हो गया है. धीरे-धीरे राज्यों में बच्चों का टीकाकरण तेज हो गया है. वहीं, इस बीच सरकार के टीकाकरण सलाहकार समूह के प्रमुख एनके अरोड़ा ने बताया कि कोरोना के नए XE वेरिएंट से डरने की या परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि ये ओमीक्रोन वेरिएंट ही नए वेरिएंट्स का रूप ले रहा है लेकिन उससे कोई भी गंभीर मसला नहीं हुआ है. कोरोना के नए वेरिएंट ऐसे ही आते रहेंगे लेकिन इससे लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है.
बच्चों को कैसे रखें सुरक्षित
बच्चों के स्कूल खुलने के साथ ही कई राज्यों में मास्क पहनने पर जो पाबंदी थी वो भी अब खत्म हो गई है. ऐसे में बहुत से ऐसे बच्चे भी हैं जिन्हें वैक्सीन नहीं लगी है, क्योंकि उनकी उम्र 12 से कम है. फिलहाल देश में 12 साल तक के बच्चों को ही वैक्सीन लगनी शुरू हुई है. ऐसे बच्चों के लिए स्कूल कितना सुरक्षित है, इस सवाल पर दिल्ली पटपड़गंज मैक्स के निदेशक डॉ मनोज कुमार ने बताया बच्चों में अब तक ओमिक्रॉन का असर भी ज्यादा नहीं दिखा था, बच्चों में माइल्ड सिम्टम्स ही थे, लेकिन फिर भी जो बच्चे अब तक वैक्सीनेटेड नहीं हैं उनके लिए जरूर खतरा बढ़ गया है. उन्होंने कहा इसलिए जो बच्चे स्कूल जा रहे हैं उनके पेरेंट्स को थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए जैसे, अपने बच्चे को मास्क लगाकर स्कूल भेजना चाहिए, उसके साथ उन्हें सैनिटाइजर देना चाहिए. बच्चों को घर पर ही कुछ चीजों के बारे में पहले से गाइड करना चाहिए जैसे वो किसी के साथ खाना ना खाएं. खाना खाने से पहले हाथ को सैनिटाइज जरूर करें और कोशिश करें कि अपने साथ सैनिटाइजर को हमेशा रखें. अगर किसी बच्चे की तबीयत खराब हो तो पैरेंट्स उन्हें स्कूल ना भेजें.
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पैरेंट्स को सता रही है चिंता
गाजियाबाद और नोएडा के स्कूलों में कोरोना के मामले सामने आने के बाद दूसरे स्कूलों में अपने बच्चों को भेजने वाले पैरेंट्स की चिंता बढ़ गई है. नोएडा के एक स्कूल में कक्षा तीसरी में पढ़ने वाली स्नेहा की मां ने बताया की 2 साल से उनको डर था कि बच्चों को स्कूल में कोरोना ना हो जाए लेकिन अब उन्होंने अपनी बेटी के साथ अपने बेटे का भी किंडरगार्डन में एडमिशन करा दिया है. वो अभी काफी छोटा है ऐसे में वो सैनिटाइजर का इस्तेमाल नहीं कर पाता है इसलिए अब उन्हें स्कूल भेजने को लेकर चिंता होने लगी है. वहीं, पांचवी में पढ़ने वाले नैतिक के घरवालों के मुताबिक स्कूल भेजने में चिंता जरूर सता रही है लेकिन ज्यादा दिन घर में बैठने से बच्चे की पढ़ाई पर असर हो रहा है इसलिए वो सावधानी बरत रहे हैं.
क्या कहते हैं आकंड़े
इस बीच दिल्ली में कोरोना के मामलों की बात की जाए तो दिल्ली में बीते 1 हफ्ते में कोरोना के 943 नए मामले सामने आए हैं और अगर पॉजिटिविटी रेट की बात करे तो वो 2.70 पर्सेंट पहुंच गई है. दिल्ली में फिलहाल एक्टिव मरीजों की संख्या 601 है, वहीं दिल्ली से सटे गौतमबुद्धनगर में 24 घंटे में 20 नए मामले सामने आए हैं और अब एक्टिव केस 68 रह गए हैं.
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