Delhi MCD News: दिल्ली नगर निगम (Delhi Municipal Corporation ) में चुन कर निगम सदन पहुंचे पार्षदों के हाथ अब तक बंधे हुए थे क्योंकि निगम चुनाव के ढाई महीने के बाद दिल्ली के मेयर का चुनाव हो पाया था. इस बीच चली आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी की खींचतान की वजह से सदन में बजट भी पेश नहीं हो पाया और तो और अब तक स्थायी समिति का भी गठन अधर में अटका पड़ा है लेकिन नए वित्तीय वर्ष 2023-24 की शुरुआत के बाद निगमायुक्त ने आखिरकार पार्षदों को फंड जारी करने का आदेश दिया है. सभी 250 वार्ड के लिए निगम ने 25 लाख रुपये प्रतिवार्ड का फंड जारी किया है. इस फंड का उपयोग पार्षद नाली बनाने से लेकर सड़कों की मरम्मत आदि के लिए उपयोग कर सकेंगे. 


इस वजह से हुई फंड मिलने में देरी
 बता दें कि दिल्ली नगर निगम के पार्षदों के चुनाव दिसंबर माह में हुए थे. चार दिसंबर को चुनाव हुए थे और सात दिसंबर को चुनाव के नतीजे आए थे. चुनाव के बाद छह जनवरी को मेयर का चुनाव होना था लेकिन वह नहीं हो पाया. लगातार हंगामे और आरोप-प्रत्यारोप के बाद सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप से चौथी कोशिश में 22 फरवरी को मेयर का चुनाव हो पाया. वहीं स्थायी समिति के सदस्यों का चुनाव लटकने की वजह से स्थायी समिति का भी गठन नहीं हो पाया इसकी वजह से वित्तीय निर्णय निगम में नहीं हो पा रहे हैं. यही वजह है कि पार्षदों को फंड भी नहीं मिल पाया था.


निगमायुक्त ने पार्षदों को फंड जारी करने का दिया आदेश
अब चूंकि नया वित्त वर्ष आ गया है इसलिए निगमायुक्त के निर्देश पर अभियांत्रिक विभाग ने फंड जारी करने के आदेश जारी कर दिया है. इससे पार्षदों को राहत मिलेगी क्योंकि निगम से फंड न मिलने की वजह से पार्षदों को विधायकों से फंड लेकर क्षेत्र में काम कराने पड़ रहे थे. वहीं बीते वर्ष निगमों के एकीकरण की वजह से पार्षद भी नहीं थे और विशेष अधिकारी ही कार्यों को देख रहे थे. इसलिए भी क्षेत्र के विकास कार्य काफी समय से लंबित पड़े थे.


विधायक पर निर्भरता होगी कम
दिल्ली नगर निगम द्वार 25 लाख रुपये प्रति वार्ड पार्षदों को फंड जारी होने का सबसे अधिक फायदा बीजेपी पार्षदों को होगा, क्योंकि बीजेपी के विधायकों की संख्या दिल्ली में कम है. आप के पार्षद निर्वाचित होने के बाद अपनी ही पार्टी के विधायक से फंड लेकर काम कराने पर जो दे रहे थे. कई वार्ड के लिए सड़कों की मरम्मत और क्षेत्रीय विकास कार्यों के लिए फंड मंजूर भी हो चुका था, लेकिन बीजेपी पार्षदों को अपने विधायक कम होने का खामियाजा भुगतना पड़ रहा था. ऐसे में निगम से ही फंड की व्यवस्था होने की वजह से उन सभी पार्षदों के कुछ न कुछ कार्य हो सकेंगे जिन्हें अपने क्षेत्र के विधायक से सहयोग नहीं मिल रहा है.


निगम में खराब आर्थिक स्थित के कारण रहती है फंड की किल्लत
निगम में दो करोड़ रुपये तक पार्षद निधि का फंड देने का एलान हो चुका है लेकिन खराब आर्थिक स्थिति के चलते पार्षदों को यह फंड मिल ही नहीं पाता था. पूर्वकालिक उत्तरी निगम ने एक करोड़ रुपये का पार्षद निधि का प्रावधान किया था लेकिन वह खराब आर्थिक स्थिति की वजह से पार्षदों को नहीं मिल पाया. पूर्वी दिल्ली में तो काफी वर्षों से फंड की व्यवस्था न होने की समस्या पार्षद झेल रहे थे.


पार्षदों के फंड से हो सकेंगे ये कार्य
दिल्ली नगर निगम के पार्षदों को मिलने वाले 25 लाख रुपये से पार्षद अपने वार्ड में वाहन ट्रैक्टर ट्राली को मलबा और कचरा उठाने के लिए अनुबंधित कर सकेंगे. इसके अलावा नाली, सीवर, नाला के कवर और स्लैब खरीदे जा सकेंगे. सड़कों व गलियों के गड्डे भरने के लिए निर्माण सामग्री भी पार्षद अपने फंड से खरीद सकेंगे. साथ ही ऐसा कोई सार्वजनिक स्थल जहां पर लोग एकत्रित होते हों उनकी मरम्मत और अन्य कोई जनता के हित में किए जाना वाला कार्य भी किया जा सकेगा.


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