Delhi News: दिल्ली देहात के गांवों में केजरीवाल सरकार द्वारा गांवों के अधिकारों, हाउस टैक्स, भवन उपनियम, विभिन्न टैक्स और नियम-कानून थोपे जाने के विरोध में देश की सबसे बड़ी खाप पालम 360 का विरोध प्रदर्शन का सिलसिला पिछले डेढ़ माह से जारी है. पालम 360 खाप महापंचायत इसका विरोध कर रही है, जो अब आंदोलन का रूप लेने लगा है. खाप के लोंगों ने कफछ दिनों पहले भी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के आवास का घेराव किया था.
दिल्ली सरकार के विरोध में पालम 360 खाप ने बीते 1 अक्टूबर को जंतर-मंतर पर महापंचायत कर इसे आंदोलन का रूप देने के साथ सरकार को उनकी मांगों के न माने जाने की हालत में अपने आंदोलन को और तेज करने की चेतावनी दी थी. खाप की चेतावनी के बावजूद दिल्ली सरकार द्वारा उनकी मांगों को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. इसे लेकर दिल्ली देहात के गांव के लोगों के साथ उत्तर भारत की सबसे बड़ी खाप में काफी रोष का माहौल है.
खाप का आरोप- दिल्ली के गांवों को बना दिया स्लम
अरविंद केजरीवाल सरकार की दिल्ली देहात की नीतियों के खिलाफ हर दिन किसी न किसी गांव में पंचायतें आयोजित की जा रही हैं. इस बार दिल्ली देहात के लोग वर्षों से लंबित अपनी मांगों का पूर्ण समाधान चाहते हैं. पालम 360 गांव के प्रधान और इस आंदोलन के नेतृत्वकर्ता चौधरी सुरेंद्र सोलंकी ने कहा था कि देश कि राजधानी दिल्ली में दिल्ली के मूल निवासी आंदोलन करने को मजबूर हैं, क्योंकि हमारी जमीन कौड़ियों के भाव सरकार ने ले ली, लेकिन मूलभूत सुविधाओं से हमे वंचित रखा जा रहा है. सरकार बात करती है स्मार्ट सिटी बनाने की, लेकिन स्मार्ट विलेज बनाने कि बात क्यों नहीं करती है? दिल्ली देश कि राजधानी है, यहां पर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री तक सब रहते हैं, लेकिन दुर्भाग्य कि बात है यहां एक भी स्मार्ट विलेज नहीं है. इसके उलट यहां के गांवों को स्लम बना दिया.
दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना से हमाने मुलाकात भी की थी. उन्होंने समस्या समाधान का भरोसा दिया था. दूसरी तरफ सीएम अरविंद केजरीवाल दिल्ली देहात के लोगों की बातों को लगातार अनसुना कर रहे हैं. गांव-देहात के लोग पूछ रहे हैं कि क्या मुख्यमंत्री होने के नाते अरविंद केजरीवाल की जिम्मेदारी नहीं कि वो गांव देहात के लोगों की समस्याओं को सुने और उसका समाधान करें?
सीएम आवास के बाहर हुक्का-पानी महापंचायत का ऐलान
सुरेंद्र सिंह सोलंकी ने कहा कि दिल्ली देहात के लोगों का यह फैसला है कि अगर दिल्ली के मुख्यमंत्री अभी हमारी समस्याओं पर ध्यान नहीं देंगे तो आने वाले कुछ दिनों में गांव देहात के लोग हुक्का पानी लेकर सीएम आवास के बाहर ही महापंचायत करेंगे. इस बार महापंचायत तब तक चलती रहेगी जब तक मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली देहात की मांगों सुनकर उनका समाधान नहीं करते. उन्होंने कहा कि वे शांतिपूर्ण तरीके से इस महापंचायत को चलाएंगे. मगर, इस दौरान कानून व्यवस्था की किसी भी प्रकार की कोई समस्या उत्पन्न होती है, तो इसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से अरविंद केजरीवाल और दिल्ली की सरकार होगी.
दिल्ली-देहात के लोगों की मांगें
- धारा 81 एवं धारा 33 समाप्त हो ओर इसके तहत पुराने मुकदमें वापिस लिए जांए.
- दिल्ली के गांवों में हाउस टैक्स माफ हो. दिल्ली सरकार द्वारा ग्रामसभा की जमीन को डीडीए को सुपुर्द न किया जाय. ग्रामसभा कि जमीनों पर गांव का हक है.
- धारा 74/4 और 20 सूत्री के तहत गरीबों को आवंटित भूमि एवं प्लॉटों का मालिकाना भी मिलना चाहिए. लाल डोरे का विस्तार हो, जिन गांवों की भूमि अधिग्रहण की गई है, उनको अल्टरनेटिव प्लॉट जल्द से जल्द दिएं जाएं.
- दिल्ली के किसानों का सर्किल रेट बढ़ाया जाए.
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