Delhi News: दिल्ली की एक अदालत ने वर्ष 2020 में हुए दंगों के मामले में, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र शरजील इमाम की अंतरिम जमानत की याचिका पर शहर की पुलिस को शुक्रवार को अपना रुख स्पष्ट करने को कहा. शरजील को वर्ष 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे के मामले में साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता और न्यायमूर्ति अनीष दयाल की एक पीठ ने निचली अदालत के अंतरिम जमानत देने से इनकार किए जाने के फैसले को चुनौती देते हुए और मामले में चल रही कार्यवाही पर रोक लगाने के अनुरोध संबंधी शरजील की अपीलों के संबंध में नोटिस जारी किया.


राजद्रोह की संवैधानिकता पर फैसला आने तक रिहा किया जाए
राजद्रोह के आरोपों का सामना कर रहे शरजील ने निचली अदालत से आग्रह किया था कि जब तक उच्चतम न्यायालय द्वारा भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए (राजद्रोह) की संवैधानिकता पर फैसला नहीं कर लिया जाता, तब तब उन्हें रिहा कर दिया जाए. इसके बाद  अदालत ने पुलिस से स्थिति रिपोर्ट मांगी और मामले को 25 अगस्त को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया.


शरजील इमाम पर क्या हैं आरोप
बता दें कि शरजील इमाम पर नागरिकता संशोधन अधिनिय और नगरिकों के राष्ट्रीय रजिस्ट्रर (NRC) पर सरकार के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का आरोप है. इसके अलावा शरजील पर आरोप है कि उन्होंने 13 दिसंबर, 2019 को जामिया मिल्लिया इस्लामिया में और 16 दिसंबर, 2019 को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कथित तौर पर भाषण दिए थे, जहां उन्होंने असम और शेष पूर्वोत्तर को भारत से अलग करने की धमकी दी थी. शरजील जनवरी 2020 से न्यायिक हिरासत में है.


यह भी पढ़ें:


Delhi News: 'तकरार' के बीच दिल्ली के LG और CM की हुई वीकली बैठक, पिछले हफ्ते नहीं हो सकी थी मीटिंग


Noida News: यूनिफॉर्म के साथ मिलेगा स्टेशनरी का पैसा, जानिए- परिषदीय स्कूलों के बच्चों को अब मिलेंगे कितने रुपये