दिल्ली टीचर्स ट्रांसफर आदेश वापस लेने के बाद AAP-BJP के बीच क्रेडिट की होड़, LG के फैसले पर किसने क्या कहा?
Delhi Teachers Transfer: दिल्ली के एलजी विनय सक्सेना द्वारा टीचर्स ट्रांसफर आदेश वापस लेने के बाद आम आदमी पार्टी और बीजेपी नेता बढ़ चढ़कर ले रहे इसका क्रेडिट. सुर्खियों में क्यों है यह मामला?
Delhi Teachers Transfer News: दिल्ली के सरकारी स्कूलों में कार्यरत पांच हजार शिक्षकों के तबादले का आदेश एलजी विनय सक्सेना ने वापल ले लिया है. इससे टीचर्स कम्युनिटी में खुशी का माहौल है. इस बीच आम आमदी पार्टी और बीजेपी के नेता बढ़ चढ़कर इसका क्रेडिट ले रहे हैं. आप नेताओं का कहना है कि उन्होंने बीजेपी के षडयंत्र को विफल कर दिया है. इसके उलट, बीजेपी नेताओं का कहना है कि एलजी से मिलकर उन्होंने गुजारिश की थी टीचर्स का तबादला नियमों के अनुसार हो.
इससे पहले दिल्ली के एलजी विनय सक्सेना ने पांच हजार शिक्षकों के ट्रांसफर का मामला तूल पकड़ने के बाद सात जुलाई 2024 को आदेश वापस ले लिया था. एलजी ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव और शिक्षा निदेशक को निर्देश दिया था कि तबादले की प्रक्रिया में निष्पक्ष दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है. तब तक तबादले पर अमल करने की जरूरत नहीं है.
किसने, क्या कहा?
शिक्षकों के खिलाफ साजिश को किया फेल - आतिशी
दिल्ली के एलजी विनय सक्सेना द्वारा पांच हजार शिक्षकों के तबादले से संबंधित फाइल वापस लेने के बाद मंत्री आतिशी ने राष्ट्रीय राजधानी के शिक्षकों को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि यह दिल्ली वालों के संघर्ष की वजह से एलजी को ट्रांसफर आदेश वापस लेना पड़ा. हमने दिल्ली के शिक्षकों के खिलाफ षडयंत्र को फेल कर दिया है.
तबादले को लेकर बने व्यापक नीति - लवली
बीजेपी नेता अरविंदर सिंह लवली ने कहा, "विभिन्न शिक्षक संघों ने मुझसे और बीजेपी के सांसदों से शिक्षकों का गलत तरीके से तबादले को लेकर संपर्क किया था. हमने एकजुट होकर दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना से समय मांगा और उनसे मुलाकात की. हमने उनसे कहा कि शिक्षकों को लगा रहा है कि उनके साथ राजनीति हो रही है. साथ ही एलजी से इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध भी किया. उन्होंने कहा कि शिक्षकों के तबादले पर एक व्यापक नीति होनी चाहिए."
नियमों के आधार पर हो तबादला - कमलजीत सहरावत
पश्चिमी दिल्ली से बीजेपी सांसद कमलजीत सहरावत के मुताबिक, "दिल्ली सरकार रात को एक बजे तबादला आदेश जारी करती है. पांच हजार से ज्यादा शिक्षकों का तबादला कर दिया जाता है. किसी भी विभाग में तबादला कोई बड़ी बात नहीं है लेकिन बिना नीति के इतनी बड़ी संख्या में शिक्षकों का तबादला करना अपने आप में बड़ा संदेह पैदा करता है. आज हम एक प्रतिनिधिमंडल के साथ यहां आए हैं, हमने एलजी के सामने अपनी मांग रखी है कि हमें तबादलों से कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन नियमों के आधार पर ही तबादले होने चाहिए. उन्होंने सकारात्मक संकेत दिए हैं कि वह इस मामले को देखेंगे."
तबादला नीति पर नए सिरे से होगा विचार: अजय वीर यादव
भारतीय सरकारी स्कूल शिक्षक संघ के महासचिव अजय वीर यादव ने रविवार को उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना से मुलाकात की. मुलाकात के दौरान उन्होंने दिल्ली के सरकारी स्कूलों में कार्यरत पांच हजार शिक्षकों के तबादले के मसले पर बातचीत की. एलजी वीके सक्सेना से मुलाकात के बाद भारतीय सरकारी स्कूल शिक्षक संघ के महासचिव अजय वीर यादव ने कहा, "हमने आज दिल्ली के उपराज्यपाल से मुलाकात की, जिन्होंने इस आदेश पर रोक लगाकर हमें बड़ी राहत दी है. उपराज्यपाल ने ट्रांसफर आदेश वापस ले लिया है. उन्होंने कहा है कि एक कमेटी गठित की जाएगी, जो इस मसले पर विचार करेगी. "
क्या है पूरा मामला?
दिल्ली टीचर्स ट्रांसफर योजना के तहत 11 जून 2024 को शिक्षा विभाग और निदेशालय की तरफ से एक सर्कुलर निकाला गया. सर्कुलर में कहा गया था कि 10 साल से ज्यादा समय से एक ही स्कूल में पढ़ाने वाले टीचर्स का कंपलसरी ट्रांसफर होगा. इस बात का खुलासा होने के बाद दिल्ली सरकार में शिक्षा मंत्री आतिशी ने एक जुलाई को शिक्षा निदेशक को लिखित में आदेश देते हुए कहा था कि इसे रोका जाए. इसके बावजूद रातों रात LG के माध्यम से पांच हजार टीचर्स के तबादले कर दिए गए. आम आमदी पार्टी की सरकार ने इसका विरोध किया था. सख्त विरोध और सुप्रीम कोर्ट तक इस मसले को ले जाने की चेतावनी के बाद सात जुलाई को एलजी ने ट्रांसफर आदेश वापस ले लिया. सोमवार को दिल्ली शिक्षा विभाग ने भी ट्रांसफर रोक लगाने का आदेश जारी किया.