Kanwar Yatra: सावन के पहले सोमवारी पर गौरी-शंकर मंदिर सहित दिल्ली के कई शिवालयों में उमड़ी भक्तों की भीड़, लगे बम भोले के जयकारे
Sawan First Monady: सावन के पहले सोमवार को बारिश होने के बाद भी दिल्ली के शिवालयों में लोगों के पहुंचने का सिलसिला दिनभर जारी रहा.
Delhi News: हिन्दू धर्म में देवों के देव महादेव की पूजा के लिए सावन का महीना और उसमें भी पहले सोमवार का दिन महादेव के भक्तों के लिए बहुत खास होता है. ऐसे में आज सावन के पहला सोमवार पर देश भर के शिवालयों में सुबह 5 बजे से ही भक्तों की भीड़ देखने को मिली. लोगों का मानना है कि आज के दिन भगवान भोले की पूजा और दर्शन करने से उनका भरपूर आशीर्वाद प्राप्त होता है. इसलिए आज सावन के पहले सोमवार पर शिवालयों में भगवान भोले की पूजा और जलाभिषेक के लिए भक्तों की भीड़ सुबह से ही मंदिरों में पहुंचने लगी थी. सोमवार को शिवालयों में भोले के भक्त लगातार घंटे की आवाज के साथ हर-हर महादेव और बम-बम भोले के जयकारे लगाते रहे.
पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक स्थित प्रसिद्ध श्री गौरी शंकर मंदिर, पश्चिमी दिल्ली के प्राचीन शिव मंदिर समेत अन्य शिवालयों में जहां सुबह से भक्तों की भीड़ देखी गई. आज महिलाओं के साथ पुरुष, बुजर्ग और बच्चे भी महादेव के दर्शन के लिए पहुंचे. भक्तों में भोलेनाथ की पूजा को लेकर गजब का उत्साह देखा गया. बारिश होने के बाद भी भक्त मंदिरों लोगों के पहुंचने का सिलसिला दिनभर जारी रहा. वहां लगी लंबी कतारों में खड़े होकर पूरी भक्ति के साथ भोले का जयकारा करते हुए अपनी बारी की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जिससे वे उनकी पूजा कर जलाभिषेक कर सकें.
सोमवार के दिन का इसलिए है खास महत्व
आज के इस पावन दिन को लेकर मंदिर के पुजारी ने बताया कि हिन्दू धर्म मे भगवान भोले के प्रति लोगों की विशेष आस्था होती है. आज के दिन लोग महादेव की प्रसन्नता और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पूजा कर, भांग, धतूरे, बेल-पत्र और दूध आदि से इनका अभिषेक करते हैं. महादेव की पूजा कर लोग सुख-समृद्धि और मनोकामनाओं की पूर्ति की कामना करते हैं. इनकी पूजा से काल सर्प दोष, ग्रह दोष और विष दोष आदि दूर हो जाते हैं. सोमवार के दिन को महादेव का दिन माना जाता है और सावन के महीने के सोमवार का तो खास महत्व होता है. आज के दिन पूजा के अलावा, कई महिलाएं-युवतियां सोमवारी व्रत रख कर भगवान भोलेनाथ की कथा आदि का भी पाठ करती हैं.
800 साल पुराना है गौड़ी-शंकर मंदिर का इतिहास
पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक स्थित गौड़ी-शंकर मंदिर के इतिहास और विशेषता की तो इस मंदिर का इतिहास लगभग 800 साल पुराना है. यहां भगवान शिव के अर्धनारीश्वर रूप का अलौकिक दर्शन होता है. मान्यता है कि इस मंदिर में मन्नत मांगने वाले सभी श्रद्धालुओं की मनोकामना पूर्ण होती है. यहां पर भूरे रंग का शिवलिंग है. भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग के चारों ओर चांदी के सर्प का घेरा है. मंदिर में महादेव के दर्शन करने के लिए श्रद्धालु दिल्ली ही नहीं बल्कि पूरे देश भर से यहां पर आते हैं. श्री गौरी शंकर मंदिर में भगवान शिव के साथ माता पार्वती और उनके पुत्र गणेश और कार्तिकेय विराजित हैं. इन मूर्तियों को सोने के आभूषणों से सुसज्जित किया गया है. जानकारों की मानें तो पांडवों के द्वारा भी इस मंदिर में पूजा की जाती रही है. ऐसा मानना है कि 5 पीपल के पेड़ के मध्य विराजे भगवान भोलेनाथ भक्तों की मुरादें पूरी करते हैं.