Delhi News: दिल्ली विधानसभा चुनाव फरवरी में होना है, ऐसे में सभी दल अपनी-अपनी तैयारी में जुटे हैं. अलग-अलग संगठनों ने भी अपने मुद्दे राजनीतिक दलों तक पहुंचाने शुरू कर दिए हैं. इसी कड़ी में चेंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) की नैशनल कोर कमेटी की भी कल मीटिंग हुई.
सीटीआई की नेशनल कोर कमिटी की हाल ही में बैठक हुई, जिसमें तय किया गया कि संगठन व्यापारियों की समस्याओं को समझने के लिए मार्केट, इंडस्ट्री, ट्रांसपोर्ट, होटल-रेस्टोरेंट, बैंक्वेट और अन्य एसोसिएशन के साथ 100 से अधिक बैठके करेगा. इन बैठक से प्राप्त जानकारी के आधार पर व्यापारियों की मांगों को लेकर 10 पॉइंट का एजेंडा तैयार किया जाएगा.
यह एजेंडा सभी राजनीतिक दलों को भेजा जाएगा. सीटीआई ने स्पष्ट किया है कि जो पार्टी व्यापारियों की मांगों को अपने घोषणापत्र में शामिल करेगी, दिल्ली के 20 लाख व्यापारी उसी पार्टी का समर्थन करेंगे.
सीटीआई के चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने बताया कि दिल्ली में 9 लाख दुकानों, 2 लाख फैक्ट्रियों, और हजारों रेस्टोरेंट, बैंक्वेट हॉल, ट्रांसपोर्ट कंपनियों, बुटीक और सैलून जैसे कारोबार मिलाकर 20 लाख से अधिक व्यापारी हैं.व्यापारियों का यह विशाल वर्ग दिल्ली की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, इसलिए उनके लिए एक अलग घोषणा पत्र होना बेहद जरूरी है.
'व्यापारियों के लिए अलग घोषणा पत्र हो'
सीटीआई के चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने बताया कि दिल्ली में 9 लाख दुकानें, 2 लाख फैक्ट्रियां, रेस्टोरेंट, बैंक्वेट, ट्रांसपोर्ट, सैलून, बुटीक आदि को मिलाकर 20 लाख से ज्यादा व्यापारी हैं, ऐसे में व्यापारियों के लिए अलग घोषणा पत्र होना चाहिए. इसी को ध्यान में रखते हुए मीटिंग की थी और अब आने वाले दिनों में व्यापारियों से मिलकर उनकी मांगों को सुना जाएगा और पार्टियों तक उनकी मांगें पहुंचाएंगे.
इस बैठक में सीटीआई चेयरमैन बृजेश गोयल के साथ ही, अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल, कोषाध्यक्ष सुधीर जैन, महासचिव गुरमीत अरोड़ा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष दीपक गर्ग, उपाध्यक्ष राहुल अदलखा, राजेश खन्ना, वेद गोयल, सचिव कुंज नाकरा और विमिन काउंसिल की महासचिव प्रियंका सक्सेना मौजूद रहीं.
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