Petrol Diesel Price: CTI की केंद्र से मांग, पेट्रोल-डीजल की कीमतों में प्रति लीटर 10 रुपये कटौती करे मोदी सरकार
Petrol diesel Price News: इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल का भाव पिछले डेढ़ साल में लगातार गिरा है. बावजूद इसके केंद्र (Central Government) ने तेल की कीमतों में कोई कमी नहीं की है.
Delhi News: पेट्रोल-डीजल की आसमान छूती कीमतों का असर सीधे आम जनता की पॉकेट पर पड़ता है, क्योंकि इससे ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट में इजाफा होता है. नतीजन चीजें महंगी हो जाती हैं. हालांकि, अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल का भाव पिछले डेढ़ साल में लगातार गिरा है. बावजूद इसके पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई कमी नहीं की गई है. यही वजह है कि महंगाई पर लगाम नहीं लग पा रहा है.
116 से 77 डॉलर प्रति बैरल तेल का रेट
क्रूड ऑयल की कीमतों में हुई गिरवाट और तेल कंपनियों की मनमानी को देखते हुए चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पेट्रोल-डीजल की दरों में कमी लाने की गुहार लगाई है. CTI चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने बताया कि भारत ने दिसंबर में कच्चा तेल 77.14 डॉलर प्रति बैरल खरीदा है, जबकि सितंबर 2023 में यही क्रूड ऑयल 93.54 डॉलर प्रति बैरल खरीदा, जबकि जून 2022 में कच्चे तेल की कीमत 116 डॉलर प्रति बैरल थी. कच्चे तेल में लगातार कमी आ रही है, फिर भी आम लोगों को इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है.
अप्रैल 2022 के बाद से नहीं हुई कोई कटौती
बृजेश गोयल ने बताया कि पेट्रोल-डीजल के भाव में 22 मई 2022 को बदलाव हुआ था. उस समय केंद्र ने उत्पाद शुल्क में कमी की थी. पेट्रोलियम कंपनियों ने 6 अप्रैल 2022 के बाद से कटौती नहीं की है. 116 डॉलर प्रति बैरल से कच्चा तेल 77.14 डॉलर तक पहुंच गया है. सरकार कहती है कि तेल कीमतों को तय करने का अधिकार कंपनियों को है. मगर, केंद्र सरकार पेट्रोलियम कंपनियों पर इसमें कटौती के लिए दवाब तो बना सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 6 महीने में इंडियन ऑयल, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम व भारत पेट्रोलियम को संयुक्त तौर पर 58,198 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ है. सरकार पर इन कंपनियों की माली हालत को लेकर कोई दबाव नहीं है.
सीटीआई ने केंद्र सरकार से गुहार लगाई है कि इन कंपनियों से पेट्रोल-डीजल के रेट घटाने का दबाव बनाए. उनकी मांग है कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कम से कम 10 रुपये प्रति लीटर की कटौती की जाए. डीजल का रेट कम होने से महंगाई पर अंकुश लगेगा. देश में माल ढुलाई सेक्टर डीजल पर निर्भर है. यदि ये सस्ती होगी, तो इसका सीधा लाभ उपभोक्ताओं को मिलेगा.